पटना में बज रही खतरे की घंटी, अब रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, देखिए तस्वीरें

पटना में बज रही खतरे की घंटी, अब रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, देखिए तस्वीरें

PATNA : पटना में गंगा नदी ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है. एक बार फिर से प्रदेश में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. बिहार के करीब 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं जिसमें पटना भी अछूता नहीं है. गंगा किनारे बसे इलाकों में नदी का पानी सड़क तक आ पहुंचा है. यदि और बारिश हुई तो स्थित और भयावह हो सकती है. अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का पानी तेज से फैल रहा है जिससे यहां रहने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब पटना के रिहायशी इलाके में भी बाढ़ का संकट मंडराने लगा है. 

बाढ़ अनुमंडल के हाथीदह राजेंद्र सेतु गंगा ब्रिज के पास गंगा नदी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 143.5 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंगा नदी सिक्स लेन निर्माण कंपनी के पास जल धारा रोकने के लिए बनाया गया तटबंध भी टूट चुका है. 

आपको बता दें कि बिहार में बाढ़ की वजह से सूबे के 16 जिलों की 70.40 लाख आबादी मुश्किलों का सामना कर रही है. बाढ़ प्रभावित जिलों में सुपौल, सारण, समस्तीपुर, सीवान, शिवहर, सीतामढ़ी, किशनगंज, दरभंगा,  मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा शामिल हैं. कई नदियां कहर ढा रही हैं. गंगा, बूढ़ी गंडक, सोन, पुनपुन, बागमती, कोसी अलग-अलग जगहों पर खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. 

पटना के शहरी इलाके की बात की जाए तो यहां भी गंगा का विकराल रूप दिख रहा है, जिससे यहां भी बाढ़ का संकट मंडराने लगा है. गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर एक से सवा मीटर ऊपर दर्ज किया जा चुका है. हर दो घंटे में गंगा का जलस्तर औसतन एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है. पटना से सटे कई निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. मनेर के कई गांवों में बाढ़ का पानी भर चुका है. लोग सुरक्षित जगह की ओर पलायन कर रहे हैं. 

वहीं, पटना का दीघा बिंद टोली गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. गांव के लोगों ने पैसे जोड़कर कर नाव की व्यवस्था की है, जिससे आवाजाही हो रही है. पटना से सटे जल्ला इलाके में दोहरी मार पड़ी है. गंगा और पुनपुन नदी का पानी खेतों और घरों में भर चुका है. फर्स्ट बिहार की टीम बाढ़ से जुड़ी हर खबर को प्राथमिकता से दिखा रही है. बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश जारी है.