PATNA : बिहार में लगातार पांचवें दिन कोरोना संक्रमण के कम मामले मिले। राज्य में शनिवार को 3003 नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गयी। वहीं पटना में शनिवार को तीन डॉक्टरों समेत 544 नए कोरोना संक्रमित मिले। राजधानी में भी संक्रमितों के मामले कम हुए हैं, लेकिन कोरोना से होने वाली मौतें चिंता बढ़ा रही है।
कोरोना की तीसरी लहर की एक माह के दौरान पटना के अबतक कुल 29 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं एम्स पटना में दो कोरोना संक्रमितों की मौत हो गयी। दोनों शनिवार को ही एम्स में भर्ती कराएगए थे। इनमें से एक पटना के आलमगंज निवासी अहमद रजा और दूसरा बेगूसराय के सज्जन कुमार शामिल हैं। अहमद रजा सेप्टिसेमिया और कई अंगों के निष्क्रिय होने की बीमारी से जबकि सज्जन कुमार जौंडिस, लिवर के साथ कई अन्य अंगों के निष्क्रिय होने की बीमारी से ग्रसित थे।
तीसरी लहर के दौरान पटना के अस्पतालों में कुल 56 मौतें कोरोना से हुई है। इनमें एम्स में सबसे ज्यादा 32 लोगों की मौत हुई। इसके बाद पीएमसीएच में 11, एनएमसीएच में आठ और आईजीआईएमएस में दो की मौत शामिल हैं।
23 दिसंबर 2022 से पटना में तीसरी लहर की शुरुआत मानी जा रही है। यह वही समय है जब संक्रमितों की संख्या लगातार मिलने लगी थी। यह संख्या दिनों-दिन तेज गति से बढ़ने लगी। लेकिन अब यह रफ़्तार कम हो रही है। पटना के चार बड़े सरकारी अस्पतालों में अब कुल भर्ती कोरोना संक्रमितों की संख्या 90 से भी कम रह गई है। इसमें 66 संक्रमित एम्स पटना में, नौ पीएमसीएच में भर्ती हैं। एम्स में शनिवार को 17 नए मरीज भर्ती हुए हैं और 13 लोग डिस्चार्ज हुए हैं। वहीं संक्रमित तीनों डॉक्टर पीएमसीएच के हैं।