PATNA : कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पटना में चैती छठ से लेकर राम नवमी पूजा तक किसी भी तरह के सार्वजनिक आयोजन की इजाजत नहीं होगी. रमजान के पवित्र महीने में भी जुमे की नमाज के आयोजन पर रोक रहेगी. पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह और एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने आज जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण बैठक में नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है.
कोरोना संक्रमण और खतरा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सार्वजनिक स्थलों पर रामनवमी, छठ पूजा, जुम्मे की नमाज का आयोजन नहीं करना है. पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जनहित में सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ भाड़ नहीं लगाने और लोगों को सावधानी से अपने-अपने घरों में ही पूजा आयोजित करने को कहा है ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके.
सरकारी दिशा निर्देश के अनुरूप अभी सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के आयोजन पर रोक है. साथ ही सभी धार्मिक स्थल आम जनों के लिए बंद है. जिलाधिकारी ने अफसरों को वार्ड पार्षदों और जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग कर इसके बारे में जानकारी देने को कहा कि छठ घाटों पर छठ पूजा का आयोजन करना मना है. संबंधी फ्लेक्स घाटों पर लगाने का निर्देश दिया ताकि लोगों को पूर्व से ही इसकी जानकारी रहे और लोग सुरक्षित होकर सावधानी से अपने-अपने घरों में ही छठ पूजा करें.
रामनवमी के अवसर पर कोई जुलूस नहीं निकाले जाएंगे. संक्रमण के खतरे को देखते हुए सार्वजनिक स्थल पर रामनवमी पूजा का आयोजन नहीं होंगे. इसके अतिरिक्त अभी रमजान का महीना चल रहा है. जुम्मे की नमाज सार्वजनिक स्थल- मस्जिद में अदा नहीं करनी है बल्कि लोग अपने अपने घरों में ही जुम्मे की नमाज अदा करें.
जिलाधिकारी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसी स्थिति में सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ भाड़ लगाने और सामूहिक रूप से पूजा आयोजित करने से संक्रमण की संभावना और अधिक बढ़ जाएगी. इसलिए जनहित में लोग अपने अपने घरों में ही सुरक्षित और सावधानी से पूजा करें. जिलाधिकारी ने जनहित में सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ भाड़ नहीं लगाने और लोगों से अपने अपने घर में ही सुरक्षित पूजा करने की अपील की है.