1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 08 Feb 2023 01:48:50 PM IST
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PATNA: किसानों के द्वारा उपजाए गए मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से एक बड़ी पहल की जा रही है। बता दे जैसे जैसे हमारी जिंदगी में बदलाव आ रहा है वैसे ही हमारे खान- पान भी बिगड़ रही है। अब हम सब पोष्टिक आहार को छोड़ फार्स्ट फूड का ज्यादा सेवन कर रहे हैं। ऐसे में आए दिन हम कई तरह के बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं। इसलिए जल्द ही पटना में गंगा के किनारे बसा मरीन ड्राइव पर मोटे अनाज का मेला लगने वाला है। इस मेले की खास बात है कि यहां आपको किसानों के द्वारा कड़े मेहनत से उपजाएं गए फसलों से बनी आहार का लुफ्त उठा सकेंगे।
बता दें कि, पटना का मरीन ड्राइव एक पर्यटक स्थल के समान हैं। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं। इस वजह से खाद्य सूरक्षा विभाग ने मेले का आयोजन यहां करने का फैसला लिया है। दरअसल, खाद्य सूरक्षा विभाग ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और लोगों में मोटे अनाज से बने व्यंनजनों के प्रति रुझान लाने के लिए मिलेट मेले का आयोजन करने जा रही है। इस मेले के आयोजन के लिए पटना के सबसे भीड़-भाड़ वाली जगह मरीन ड्राइव को चुना गया है। इस मेले का आयोजन 20 फरवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। बता दे मेले में मडुआ, ज्वारा, बाजरा, रागी, मकई और जौ जैसे अनाजों से बने व्यंजनों का स्टॉल लगाया जाएगा। इस मेले में स्टॉल लगाने के लिए पटना के बड़े होटलों, रेस्टोरेंट के साथ-साथ आम लोगों को भी निमंत्रण दिया गया है। आम लोगों को यहां स्टॉल लगाने के लिए निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराया जाएगा।
इस मेले के आयोजन को लेकर राज्य के डीएफओ ने कहा कि, इस मेले के जरिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार ने मेले का थीम मोटे अनाजों और सेहत को बढ़ावा देना रखा है। साथ ही खाद्य सूरक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि मडुआ, ज्वारा, बाजरा, रागी, मकई और जौ जैसे मोटे अनाज काफी सेहतमंद होते हैं और पाचन तंत्र को मजबूत बनाते है।
मेले का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि वे मोटे अनाजों से भी स्वादिष्ट भोजन बना सकते हैं जो उनके सेहत के लिए भी फायदेमंद होगा है। ऐसे अनाजों से बने भोजन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को भी बढ़ाते हैं। डीएफओ ने कहा कि मेले के लिए मरीन ड्राइव को इसलिए चुना गया है, क्योंकि वहां हर दिन लाखों लोगों का आना जाना लगा रहता है। जिससे इस मेले में लोगों की भीड़ जुटें, और सभी इसका आनंद ले सके। दरभंगा जलापूर्ति योजना के अंतर्गत 35 वार्डों में पूर्ण आच्छादित करने के लिए 128 करोड़ 55 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। बिहार कास्ट तथा वन्य उत्पादन अभिवहन -विनियमन संशोधन नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है।