अबकी पटना ना डूबे इसलिए 167 करोड़ खर्च होंगे, एक महीने बाद हकीकत आ जायेगी सामने

अबकी पटना ना डूबे इसलिए 167 करोड़ खर्च होंगे, एक महीने बाद हकीकत आ जायेगी सामने

PATNA : साल 2019 में पटना ऐसे डूबा कि सरकार का दम फूलने लगा. पटना में जोरदार बारिश के बाद हर इलाके में लोगों ने बाढ़ का सामना किया था, तब सरकार ने आनन-फानन में पटना को आगे जलजमाव से बचाने के लिए पूरा ब्लूप्रिंट तैयार किया, लेकिन उस पर अमल करते करते अब साल भर निकलने को है. बिहार सरकार पटना को डूबने से बचाने के लिए 167 करो रुपए खर्च करने जा रही है.


सरकार ने 167 करोड़ रुपए खर्च कर हाई लेवल कैपेसिटी के वर्टिकल समरसेबल पंप की खरीद के साथ-साथ एजेंसी को इसके रखरखाव का जिम्मा दिया है. राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज पटना को जलजमाव मुक्त रखने के लिए तैयारियों पर एक हाई लेवल मीटिंग की. इस मीटिंग में सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों पर विस्तार से चर्चा की गई. पटना को जल जमाव से बचाने के लिए 10 करोड़ों रुपए की लागत से बनाए जा रहे 27 और थाई नए पंपिंग स्टेशनों के निर्माण कार्य को 15 जून तक पूरा कर लेने का टारगेट रखा गया है. राजधानी के सभी बड़े और खुले नालों की सफाई के साथ-साथ मेन हॉल कैस्पी आदि की उड़ा ही इस महीने के अंत तक करने का लक्ष्य है. सरकार की तरफ से जो कवायद की जा रही है. उसका रियलिटी चेक 1 महीने बाद हो जायेगा. बिहार में मानसून जून के तीसरे हफ्ते तक आने की संभावना है और मानसून की बारिश के साथ ही सरकार के दावों की सच्चाई सामने आ जानी है.


उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार ने 167.79 करोड़ की लागत से पम्पिंग स्टेशनों के क्षमतावर्घन के लिए 265 वर्टिकल,सबमर्सिबल, सीएफ पम्प, डीजल जेनरेटर सेट, ट्राॅली माउंटेड पम्प,डीजल पम्प आदि की खरीद का आदेश दिया है. पहली बार 3 साल के लिए 39 ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशनों की रखरखाव, संचालन व मरम्मति की जिम्मेवारी विभिन्न एजेंसियों को दी गई है.


उन्होंने आगे कहा कि जल जमाव से निबटने के लिए 10 करोड़ की लागत से किए जा रहे 27 अस्थायी नए पम्पिंग स्टेशनों का निर्माण कार्य 15 जून तक पूरा करने, सभी शेष बचे बड़े व खुले नालों, मेनहाॅल, कैचपीट आदि की उड़ाई 31 मई तक व पम्पिंग स्टेशनों का संरचनात्मक निर्माण व ऊंचीकरण का काम 30 जून के पूर्व पूरा करने का निर्देश दिया गया है.


अधिकारियों ने बताया कि निगम क्षेत्र के करीब 8 लाख फीट खुले नाले, 24,349 मेनहाॅल तथा 18,444 कैचपीट की उड़ाही की जा चुकी हैं. सभी 39 डीपीएस के सिविल स्ट्रक्चर की मरम्मति और पम्पहाउस में पानी लगने से रोकने के लिए रैम्प आदि का निर्माण कार्य लाॅकडाउन के बावजूद 35 से 76 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है. बाकी का काम अगले महीने के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा.