PATNA : राजधानी पटना के बड़े प्राइवेट अस्पताल पारस हॉस्पिटल के ऊपर एक बार फिर लापरवाही का आरोप लगा है। पारस अस्पताल में एक युवक की मौत के बाद परिजनों ने पटना के शास्त्रीनगर थाने में कंप्लेन दर्ज कराई है। रोहतास के एक मुखिया के बेटे की इलाज के दौरान पारस हॉस्पिटल में मौत हो गई। पिता का आरोप है कि उनका बेटा रातभर तड़पता रहा लेकिन डॉक्टरों ने आकर इलाज नहीं किया। मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि बिहार विधान परिषद में भी इसकी गूंज सुनाई दी।
बिहार विधान परिषद में शून्यकाल के दौरान इस मामले को एमएलसी संजीव श्याम सिंह ने उठाया। इसके बाद पारस हॉस्पिटल पर लगे आरोपों की जांच के लिए विधान परिषद की एक समिति बनाने का एलान कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने किया। अवधेश नारायण सिंह ने इलाज के दौरान युवक की मौत के मामले में जांच के लिए 5 सदस्यों की सदन की कमिटी गठित की है।
दरअसल यह पूरा मामला रोहतास के काराकाट प्रखंड के चिक्सिल पंचायत के मुखिया योगेंद्र सिंह के बेटे आशुतोष रंजन की मौत से जुड़ा है। आशुतोष को 22 जुलाई के दिन पारस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। 26 जुलाई को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद मुखिया योगेंद्र सिंह ने पटना के शास्त्रीनगर थाने में पारस हॉस्पिटल और उसके डॉक्टरों के खिलाफ लिखित शिकायत की है। आशुतोष रंजन के पिता का आरोप है कि उनका बेटा डॉ नीरज सिन्हा के अंदर एडमिट था और उन्हीं की लापरवाही से मेरे बेटे की मौत हुई। मेरा बेटा अपने पैरों पर चलकर इलाज के लिए आया था और अस्पताल प्रशासन ने उसकी जान ले ली। 12वीं पास आशुतोष अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसने पटना के गांधी मैदान स्थित संत जेवियर स्कूल से इसी साल 12वीं पास की थी। इलाज के दौरान उसके गाल ब्लाडर में इंफेक्शन की बात पता चली थी। यह पहला मामला नहीं है जब पारस हॉस्पिटल के ऊपर ऐसे आरोप लगे हों हालांकि पिछले मामलों में पारस के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई है लेकिन इस बार मामला विधान परिषद की समिति के भी पास है।