Infants Health Risk: बिहार में मां की दूध में मिला खतरनाक जहर, हो जाएं सावधान; जान लें पूरी खबर Bihar Encroachment Drive : बिहार में नई सरकार बनते ही ऑपरेशन बुलडोजर शुरू, कई शहरों में अतिक्रमण हटाने पर मची अफरा-तफरी Bihar Air Pollution: पटना सहित कई जिलों में बढ़ा वायु प्रदूषण, ज्यादातर शहर ‘मध्यम प्रदूषित’ श्रेणी में दर्ज; हाजीपुर सबसे आगे Saharsa accident : सहरसा में फोरलेन पर भीषण टक्कर, एक की मौत, परिवार में मचा कोहराम Bihar News: एशिया के सबसे बड़े पशु मेले में पहुंचे एक करोड़ का 'प्रधान जी', देखने उमड़ी भीड़ Bihar Politics : बिहार विधानसभा के 243 विधायकों के शपथ का इंतजार, स्पीकर पद पर एनडीए में मंथन तेज Fastest Test Century: टेस्ट क्रिकेट में इन बल्लेबाजों ने जड़े हैं सबसे तेज शतक, टॉप-5 में एक और कंगारू की एंट्री SVU Raid Bihar: SVU की बड़ी कार्रवाई, औरंगाबाद उत्पाद अधीक्षक के ठिकानों पर छापेमारी जारी; जमीन निवेश समेत मिले कई दस्तावेज Bihar Crime News: वीडियो कॉल पर प्रेमिका ने किया शादी से इनकार, प्यार में पागल आशिक ने खुद को मारी गोली Bihar election : चुनावी महापर्व के बाद का राजदरबार, तामझाम थमा तो शुरू हुआ कुर्सी-टेबल और हलवाई का हिसाब; अफसर साहब भी हो जा रहे परेशान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 19 Nov 2023 11:02:50 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : पटना में छठ पर्व को लेकर नौ घाटों पर व्रतियों के जाने पर रोक है। खतरनाक घाट में मीनार घाट, एलसीटी घाट, राजापुर पुल घाट शामिल है। इन घाटों पर स्लोप अधिक होने व पानी की गहराई ज्यादा होने से इन घाटों पर जाने की मनाही है। वहीं मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट, अंटा घाट, अदालत घाट, कृष्णा घाट व पत्थर मस्जिद घाट अनुपयुक्त है।
इसके साथ ही गांधी घाट और कृष्णा घाट पर जल स्तर काफी कम हो गया है, जिससे ये छठ पूजा के लिए अनुपयुक्त हो गये हैं। जिला प्रशासन ने अपील की है कि पास के घाटों पर छठ पूजा सुविधाजनक ढंग से की जा सकती है। इसलिए नजदीक के कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्र घाट, पटना कॉलेज घाट, लॉ कॉलेज घाट आदि का इसके लिए उपयोग किया जाये।
दरअसल, पटना में गंगा नदी के जल स्तर में हर दिन तीन से चार सेंटीमीटर कमी हो रही है। इसके कारण अशोक राजपथ के किनारे बने एक दर्जन से अधिक पक्के छठ घाटों पर पानी के अंदर की गई बैरिकेडिंग बेकार हो गयी है।
मालुम हो कि, एक सप्ताह पहले बैरिकेडिंग शुरू करते समय पानी किनारे से इनकी दूरी 20 से 30 फुट तक थी,जो अब घट कर महज पांच-सात फुट रह गयी है। लिहाजा बहुत से घाट को अनुपयुक्त बताया गया है।
लोक आस्था का महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन शनिवार को खरना संपन्न हो गया। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। रविवार को व्रती रवियोग व द्विपुष्कर योग में भगवान भाष्कर को सायं कालीन अर्घ देंगे। सोमवार को कार्तिक शुक्ल सप्तमी के दिन धनिष्ठा नक्षत्र व ध्रुव योग के शुभ संयोग में उदयकालीन सूर्य को अर्घ देंगे। इसके बाद ही व्रती प्रसाद व जल ग्रहण करेंगे।