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1st Bihar Published by: Updated Fri, 04 Feb 2022 12:17:10 PM IST
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PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रारम्भ किये गए हर घर नल का जल योजना में हुई गडबड़ी और बरती गई अनियमितताओं की जांच कर कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। संजय मेहता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों को अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया।
इस जनहित याचिका को अधिवक्ता अलका वर्मा और मीरा कुमारी ने संजय मेहता की ओर कोर्ट में दायर किया हैं।इस जनहित में राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य सम्बंधित अधिकारियों को पार्टी बनाया गया था।इस जनहित याचिका में ये कहा गया है कि इस योजना में अनियमितताएं बरतने वाले के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही इस हर घर नल का जल योजना का कार्यान्वयन सही ढंग से किया जाए।यह आम जनता के हितों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की काफी महत्वपूर्ण योजना हैं।
शुद्ध पेय जल आम लोगों की बुनियादी आवश्यकता हैं।इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं और अनियमितताएं बरती गई हैं। पूर्णियां, सहरसा, अररिया, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा व राज्य के अन्य जिलों में शुद्ध पेय जल, विशेषकर गर्मी के दिनों में, आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। इस महत्वपूर्ण जनहित योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितता बरता जाना गंभीर अपराध हैं। इसकी पूरी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से करा कर दोषियों को दंड देने की कार्रवाई की जाए।
सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल योजना में सिकटी विधानसभा क्षेत्र में काफी गड़बड़ियां हुई।विधायक विजय कुमार मंडल ने डी एम, अररिया को आवेदन दे कर बताया गया कि जलापूर्ति के लिए घटिया पाइप लगाया गया। साथ ही सही गहराई में पाइप नहीं लगाया गया। इस कारण जहां आए दिन पाइप फटता रहता है, वहीं सड़क भी क्षतिग्रस्त होता रहा हैं।इस सम्बन्ध में सम्बंधित मंत्री और अधिकारियों को भी पत्र के जरिये सूचना दी गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन देने के निर्देश के साथ ही इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया।