ब्रेकिंग न्यूज़

Aankhon Ki Gustakhiyan: 'आंखों की गुस्ताखियां' 11 जुलाई को रिलीज, प्रोड्यूसर ने सपनों के लिए गहने बेचे Bihar News: सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, पेंशन मिलने की प्रक्रिया हुई आसान Bihar News: बिहार के इस जिले में होगा सिक्स लेन सड़क का निर्माण, खर्च होंगे ₹90 करोड़ Patna JP Ganga Path: जेपी गंगा पथ पर ई-रिक्शा बैन, अवैध वेंडरों पर होगी सख्त कार्रवाई Gopal Khemka Murder: 7 साल पहले खोया था बेटा, उसी अंदाज में गोपाल खेमका की भी हुई हत्या, पिता-पुत्र की मर्डर स्टोरी बिल्कुल एक जैसी Bihar News: बिहार की पहली ग्रीन पेपर मिल पटना में शुरू, हजारों को मिलेगा रोजगार Bihar Rain Alert: राज्य के 19 जिलों में बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी Indian Railways Veg Meal Price: रेलवे यात्रियों के लिए जरूरी खबर, रेल मंत्रालय ने साझा किया वेज मील का मेन्यू, जानिए.. क्या है नई कीमतें Indian Railways Veg Meal Price: रेलवे यात्रियों के लिए जरूरी खबर, रेल मंत्रालय ने साझा किया वेज मील का मेन्यू, जानिए.. क्या है नई कीमतें Bihar News: मुहर्रम को लेकर पूरे बिहार में पुलिस अलर्ट, 13,719 जुलूसों पर रहेगी पैनी नजर; संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी

पटना हाई कोर्ट ने BPSC की न्यायिक सेवा में सफल अभ्यर्थियों को भेजा नोटिस, जानिए.. क्या है मामला

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 07 Feb 2023 07:48:21 AM IST

पटना हाई कोर्ट ने BPSC की न्यायिक सेवा में सफल अभ्यर्थियों को भेजा नोटिस, जानिए.. क्या है मामला

- फ़ोटो

PATNA: BPSC की 31वीं न्यायिक पदाधिकारी नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया है। पटना हाई कोर्ट की जस्टिस पीवी बजंत्री और जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने ऋषभ रंजन और कुणाल कौशल सहित 17 अभ्यार्थियों की रिट याचिकाओं की सुनवाई की और चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।


हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्तियां, मामले में पारित अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। याचिकाकर्ताओं BPSC पर भर्ती नियमावली और परीक्षा के विज्ञापन की कंडिकाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि आयोग ने मनमाने तरीके से मुख्य परीक्षा में अयोग्य अभ्यर्थियों को भी इंटरव्यू में बुलाया और पूरे भर्ती प्रक्रिया को अनियमित और अवैध बना दिया। इस परीक्षा में राज्य में 214 सिविल जज (जूनियर डिवीजन) न्यायिक दंडाधिकारी सफल हुए थे।


याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट को बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया में बिहार न्यायिक सेवा भर्ती नियमावली 1955 के नियमों की अनदेखी की गयी है। आयोग ने वैसे अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया, जिनका मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में न्यूनतम कट ऑफ अंक से 12 फीसदी अंक कम था। एक ओर भर्ती नियमावली का नियम 15, आयोग को न्यूनतम कटऑफ अंक में पांच फीसदी की रियायत देने की इजाजत देता है लेकिन आयोग ने कई आरक्षित कोटि के अभ्यर्थियों को मनमाने तरीके से न्यूनतम अंक में 12% की रियायत देकर इंटरव्यू में बुलाया। इंटरव्यू में वैसे अभ्यार्थी,जिन्हें मुख्य परीक्षा में कटऑफ से 12 प्रतिशत कम मिले, उन्हें साक्षात्कार का अंक 80 से 85 फीसदी देते हुए उन्हें पूरी परीक्षा में योग्य घोषित कर दिया गया।


साक्षात्कार की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने परीक्षा के रिजल्ट को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि मुख्य परीक्षा के अंकों के गुण- दोष के आधार पर नये सिरे से योग्यता सूची तैयार कर फिर से साक्षात्कार करायी जाये। इस मामले में हाइकोर्ट ने बीपीएससी से भी जवाब तलब किया है। मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।