PATNA : पटना के एनएच की बदहाल स्थिति और उसके निर्माण में लगातार हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यहां तक कह डाला कि क्या अब लोग अब इस सड़क पर बैलगाड़ी से चलेंगे। चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से बिहार के अंदर एनएच की संख्या और उसकी ताजा स्थिति को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। पटना गया एनएच के निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि अच्छी सड़कों का संबंध में स्थित है पर्यटन स्थलों के विकास और बेहतरी से होता है। ऐसे में सरकार को इस तरह से अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
पटना गया एनएच के निर्माण के लिए साल 2015 में ही टेंडर किया गया था। तब इस सड़क के निर्माण की कुल लागत 1232 करोड़ों की गई थी लेकिन अब निर्माण की लागत बढ़कर 1795 करोड़ हो चुकी है। जिस निर्माण एजेंसी को इसका काम मिला था वह दिवालिया हो चुकी है। अक्टूबर 2018 के बाद सड़क निर्माण का काम पूरी तरह से बंद है। आपको बता दें कि चीफ जस्टिस करोल दिसंबर महीने में अपनी गाड़ी से गया गए थे लेकिन सड़क खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए उन्होंने ट्रेन से वापस लौटना ही मुनासिब समझा था।