पटना डीएम ने फिर बढ़ाई स्कूलों की छुट्टी, केके पाठक के फरमान का नहीं लिया नोटिस

पटना डीएम ने फिर बढ़ाई स्कूलों की छुट्टी, केके पाठक के फरमान का नहीं लिया नोटिस

PATNA: पटना डीएम और शिक्षा विभाग के बीच छिड़े शीत युद्ध के बीच पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने एक बार फिर राजधानी के सभी सरकारी और निजी स्कूलों की छुट्टी बढ़ा दी है। ठंड को लेकर पटना जिला प्रशासन ने पहले 23 जनवरी तक 8वीं कक्षा तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित किया था जिसे अब बढ़ा कर 25 जनवरी तक कर दिया है। केके पाठक के फरमान के बावजूद पटना डीएम ने स्कूलों में छुट्टी बढ़ाने का फैसला लिया है।


दरअसल, पटना में ठंड और शीतलहर को लेकर सरकारी और निजी स्कूलों में 8वीं तक के कक्षा संचालन पर पटना डीएम ने रोक लगा रखा है। पटना डीएम के इस फैसले पर शिक्षा विभाग ने सवाल उठाया है और राज्यभर में स्कूलों में छुट्टी को गलत बताया है। शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के निर्देश पर विभाग की तरफ से आदेश जारी किया गया है कि सभी स्कूलों को खोलना है। ऐसे में पटना जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग आमने सामने आ गए हैं।


शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने राजधानी के सभी निजी और सरकारी स्कूलों में छुट्टी को बढ़ा दिया है। पहले 23 जनवरी तक पटना के सभी स्कूलों में 8वीं तक की कक्षाएं संचालित करने पर प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन केके पाठक के फरमान के बावजूद पटना डीएम ने जिले के सभी स्कूलों में 8वीं तक की छुट्टी को दो दिन और बढ़ाते हुए 25 जनवरी तक कर दिया है।


जिला दण्डाधिकारी, पटना के न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि जिले में अत्यधिक ठंड का मौसम और कम तापमान अभी भी जारी है, जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। ऐसे में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत पटना जिला के सभी निजी / सरकारी विद्यालयों (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं कोचिंग सेन्टर सहित) में वर्ग-8 तक शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध को दिनांक 25 जनवरी तक विस्तारित किया जाता है।


आदेश में आगे कहा गया है कि वर्ग-9 से ऊपर की कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियां पहले के आदेश के अनुरूप सुबह 09.00 बजे से पहले और दोपहर 03.30 बजे के बाद प्रतिबंधित रहेंगी। मिशन दक्ष तथा बोर्ड परीक्षा हेतु पर्याप्त सावधानी के साथ विशेष कक्षाओं का संचालन इससे मुक्त रहेगा। यह आदेश दिनांक 25 जनवरी तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन धारा 188 के तहत दण्डनीय अपराध होगा।