SITAMARHI: पति की मौत के बाद ससुरालवालों ने बहू को पीट-पीटकर बच्चों समेत घर से बाहर निकाल दिया है। विधवा को मिलने वाली मुआवजा राशि के लालच में ससुरालवालों ने ऐसा कदम उठाया। पीड़िता अपने आंखों में आंसू लिए न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। पीड़िता ने इस संबंध में थाने में शिकायत भी दर्ज करायी है लेकिन पुलिस की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। दो बच्चों को लेकर वह न्याय की गुहार लगा रही है। पीड़िता का कहना है उसे पुलिस प्रशासन पर विश्वास नहीं है यदि उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी।
दरअसल यह मामला सीतामढ़ी के सुप्पी थाना क्षेत्र के मोहनीमंडल गांव का है। जहां एक बहू ने अपने ससुरालवालों पर गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता निशा के पति रंजन मिश्रा बिजली विभाग में मानव बल के तौर पर तैनात थे। जिनकी मौत एक मई 2021 को काम करने के दौरान करंट लगने से हुई थी। पति की मौत के बाद वह पूरी तरह से टूट चुकी थी ऊपर से ससुरालवालों का कहर उसे आए दिन झेलना पड़ रहा है। निशा ने अपने सास-ससुर समेत अन्य लोगों पर पिटाई कर घर से बाहर निकालने का आरोप लगाया है। निशा ने बताया की ससुरालवालों द्वारा कई बार उसकी जान लेने की कोशिश भी की गयी।
निशा की शादी 11 मई 2017 को सुप्पी थाना के मोहनीमंडल गांव निवासी रंजन मिश्रा के साथ हुई थी। निशा के दो छोटे छोटे बच्चे भी हैं। जिसकी परवरिश को लेकर काफी चिंतित है। पति की मौत के बाद ससुरालवाले उसे लगातार परेशान कर रहे हैं। पीड़िता ने बताया कि उसकी पिटाई कर दी गयी और बच्चों समेत उसे घर से बाहर निकाल दिया गया। पीड़िता का कहना है कि जब वह रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंची तब उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। इसके एवज में उससे दस हजार रुपये की मांग की गयी।
जिसके बाद निशा एसपी कार्यालय में अपनी फरियाद लेकर पहुंची। एसपी के निर्देश के बाद उसकी शिकायत दर्ज की गयी। लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। जिसे लेकर पीड़िता दर दर न्याय के लिए भटक रही है। दो मासूम बच्चों को साथ लेकर वह पुलिस के वरीय अधिकारियों के समक्ष भी न्याय की गुहार लगा चुकी है लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिल पाया है।
25 मई को एसपी सीतामढ़ी को आवेदन देते हुए तात्कालीन थानाध्यक्ष पर रुपए मांगे जाने का आरोप लगाया। न्याय न मिलता देख पीड़िता ने बीते 27 अगस्त को एसपी सीतामढ़ी को आवेदन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई। पीड़िता ने बताया कि अब उसे पुलिस प्रशासन पर विश्वास नहीं रहा यदि उसे जल्द इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्महत्या को मजबुर हो जाएगी।