BEGUSARAI: बेगूसराय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में एक विधवा रंजू देवी पति कमलेश्वरी पासवान का कर्ज चुकाने पहुंची थी। जहां जिला जज ने मानवता की मिसाल पेश की। जिसके बाद एक गरीब लाचार विधवा महिला को राष्ट्रीय लोक अदालत से न्याय मिला।
बता दें कि रंजू देवी के पति कमलेश्वरी पासवान ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 50 हजार का कर्ज लिया था। लेकिन कर्ज लेने के कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई। कमलेश्वरी पासवान के निधन के बाद सेंट्रल बैंक की तरफ से रंजू देवी के पति के नाम से 75 हजार का नोटिस भेजा गया। साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में रंजू देवी को आने को कहा गया।
लोक अदालत में बैंक कर्मी और रंजू देवी के बीच कर्ज को लेकर कोई बात नहीं बन रहे थी। जहां बैंक कर्मी पूरा पैसा लेने पर अड़े थे वही रंजू देवी अपनी पारिवारिक स्थिति और आर्थिक हालात का हवाला देते हुए कर्ज माफ करने की अपील कर रही थी। इसी बीच जिला जज अजय कुमार श्रीवास्तव लोक अदालत के विभिन्न पीठों का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान उनकी नजर रंजू देवी पर गई।
उन्होंने रंजू देवी को बैंक कर्मियों के सामने गिरगिराते हुए देखा। यह देख जिला जज ने बैंक कर्मियों को बुलाया और समझा-बूझाकर लोन की रकम 20 हजार कराया। जिसके बाद रंजू देवी को 20 हजार रूपया बैंक में जमा करने के लिए 3 महीने का समय दिया। इस तरह जिला जज ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक गरीब और लाचार विधवा महिला को राष्ट्रीय लोक अदालत से न्याय दिलाई।