बेगूसराय में सम्राट चौधरी का तीखा हमला, जनसुराज को बताया ‘कुकुरमुत्ता पार्टी’ Earthquake: भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 5.8 मापी गई तीव्रता Earthquake: भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 5.8 मापी गई तीव्रता Bihar Police News: बिहार के इस जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, कई थानों के थानेदार बदले Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़ Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़ Bihar News: बिहार में सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराया तेज रफ्तार ट्रक, हादसे में ड्राइवर की दर्दनाक मौत Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में फराह खान की एंट्री से बढ़ा टेंशन, बसीर ने नेहल से तोड़ी दोस्ती Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 29 Feb 2024 06:53:46 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के शिक्षा विभाग से सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की बिहार सरकार से छुट्टी हो रही है. केके पाठक जल्द ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद छोड़ेंगे. राज्य सरकार ने इसकी सहमति दे दी है.
सरकारी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जायेंगे. उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी. बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने की सहमति दे दी है. ऐसे में पाठक शिक्षा विभाग में कुछ दिनों के मेहमान रह गये हैं.
कब तक बिहार में रहेंगे पाठक?
पहले ये समझिये कि किसी अधिकारी के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया क्या होती है. दरअसल, कोई आईएएस या आईपीएस अधिकारी सबसे पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगता है. जब राज्य सरकार एनओसी यानि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे देती है तो उसे केंद्र सरकार को भेजा जाता है. उसके बाद केंद्र सरकार उस अधिकारी की पोस्टिंग करती है. यानि केके पाठक की पोस्टिंग अब केंद्र सरकार करेगी. जिस दिन केंद्र सरकार उनकी पोस्टिंग कर देगी उस दिन से केके पाठक बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से मुक्त हो जायेंगे.
मुसीबत में पड़े नीतीश का फैसला
बता दें कि पिछले 20 फरवरी को विधानसभा में एलान किया था कि केके पाठक इमानदार अधिकारी हैं और वे उन्हें नहीं हटायेंगे. नीतीश कुमार ने ये एलान तो कर दिया लेकिन केके पाठक ने मुख्यमंत्री की ही फजीहत करा दी. मुख्यमंत्री ने 20 फरवरी को एलान किया था कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के आने जाने का समय पौने दस बजे और सवा चार बजे होगा. मुख्यमंत्री के एलान के बावजूद केके पाठक ने इसका आदेश नहीं निकाला. केके पाठक अपने उस आदेश में अड़े रहे कि शिक्षकों को सुबह 9 बजे स्कूल आना होगा और शाम 5 बजे स्कूल से जाना होगा. विधानसभा औऱ विधान परिषद में सिर्फ विपक्ष के नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक और विधान पार्षद रोज सवाल पूछ रहे थे कि नीतीश कुमार के एलान का क्या हुआ. सरकार को कोई जवाब नहीं सूझ रहा था.
उधर, यूनिवर्सिटी को लेकर केके पाठक सीधे राज्यपाल से टकराव ले रहे थे. बिहार के यूनिवर्सिटी के प्रमुख राज्यपाल होते हैं. लेकिन केके पाठक राज्यपाल के अधिकारों में हस्तक्षेप कर कुलपतियों और रजिस्ट्रार की बैठक बुला रहे थे, उन्हें आदेश जारी कर रहे थे. 28 फरवरी को उन्होंने बिहार के सारे यूनिवर्सिटी के कुलपतियों, रजिस्ट्रार औऱ परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलायी था. राज्यपाल ने उन सबों को केके पाठक की मीटिंग में जाने से रोक दिया था. इसके बाद 29 फरवरी को केके पाठक ने कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया.
राज्यपाल से शिक्षा विभाग का टकराव भी सरकार के लिए मुसीबत का बड़ा कारण बन रही थी. नीतीश कुमार भाजपा के साथ बिहार की सरकार चला रहे हैं. लेकिन उन्हें बेवजह राज्यपाल से टकराव मोल लेना पड़ रहा था. इस मामले में नीतीश कुमार पर भाजपा का बड़ा दबाव था. आखिरकार नीतीश कुमार ने केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने देने की मंजूरी दे दी है. इस तरीके से नीतीश अपनी फजीहत से भी बच जायेंगे. उन पर ये भी आरोप नहीं लगेगा कि केके पाठक को हटाना पड़ा. पाठक खुद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं.