पासवान फैमिली से नीतीश को इतनी एलर्जी: रामविलास पासवान की बरसी का न्योता देने के लिए भी चिराग को टाइम नहीं दिया

पासवान फैमिली से नीतीश को इतनी एलर्जी: रामविलास पासवान की बरसी का न्योता देने के लिए भी चिराग को टाइम नहीं दिया

PATNA : पांच दिन हुए जब चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री आवास में कॉल किया था. उन्होंने नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा था. उसका कारण भी बताया था-उनके पिता स्व. रामविलास पासवान की बरसी 12 सितंबर को है. वे उसका न्योता नीतीश कुमार को देना चाहते हैं. कल ये बरसी है लेकिन नीतीश कुमार ने चिराग को मिलने का टाइम नहीं दिया.


चिराग पासवान से आज मीडिया से पूछा-क्या नीतीश जी ने समय दिया. चिराग बोले-मैं चाहता जरूर था कि नीतीश जी से मिलकर उन्हें अपने पिता की बरसी का न्योता दूं. चिराग बोले-मुख्यमंत्री जी मुझे भले ही समय नहीं दें. लेकिन मेरे पिता औऱ नेता स्व. रामविलास पासवान ने बिहार ही नहीं पूरे देश में गरीबों, दलितों और वंचितों के लिए काम किया था. सामाजिक न्याय की लगातार लडाई लडी. अगर बिहार में उनकी बरसी मनायी जा रही है तो उस प्रदेश के मुख्यमंत्री को उसमें आमंत्रित करना जरूर चाहता हूं. 


मीडिया के जरिये दिया आमंत्रण 
चिराग पासवान ने कहा कि मेरे पिता स्व. रामविलास पासवान ने लंबे अर्से तक नीतीश जी के साथ राजनीति की थी. मैं अपने पिता की बरसी में हरेक उस व्यक्ति को बुला रहा हूं जिनका संबंध स्व. रामविलास जी से रहा है. नीतीश जी भले ही मुझसे ना मिलें, लेकिन मैं मीडिया के माध्यम से ही उन्हें आमंत्रण दे रहा हूं. वे मेरे पिता की बरसी में आयें. वे भले ही मुझे अपना आशीर्वाद न दें लेकिन स्व. रामविलास जी को श्रद्धासुमन जरूर अर्पित करें.


गौरतलब है कि पिछले डेढ साल से चिराग पासवान और नीतीश कुमार के संबंध बेहद खराब हैं. 2020 की शुरूआत में ही चिराग पासवान बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा पर निकले थे. उसी दौरान उन्होंने सरकार की खामियों को उठाया था. उसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें निशाने पर लिया. चिराग ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कम से कम आधा दर्जन दफे नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा था लेकिन नीतीश ने टाइम नहीं दिया. चिराग कह चुके हैं कि नीतीश कुमार को स्व. रामविलास पासवान तक को बेईज्जत कर चुके हैं.


2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने मैदान में उतर कर नीतीश कुमार का विरोध किया था. नीतीश मानते हैं कि चिराग पासवान के कारण उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बन गयी. चुनाव के बाद चिराग की पार्टी के एकमात्र विधायक को अपनी पार्टी में शामिल करा कर और फिर उनके सांसदों को तोड़ कर नीतीश ने इसका बदला भी लिया. लेकिन इसके बावजूद बदले की आग ठंढ़ी नहीं पड़ी है.