लॉकडाउन के कारण गया में नहीं पहुंच रहे तीर्थयात्री, परंपरा के लिए पंडा खुद कर रहे हर रोज पिंडदान

लॉकडाउन के कारण गया में नहीं पहुंच रहे तीर्थयात्री, परंपरा के लिए पंडा खुद कर रहे हर रोज पिंडदान

GAYA : पूरा विश्व कोरोना के खिलाफ महाजंग लड़ रहा है. हमारे देश में भी कोरोना के संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन है.   लॉकडाउन के दौरान गया में भी तीर्थयात्रियों और यजमानों के आने का सिलसिला बन्द होने के बाद शास्त्रों में वर्णित परंपरा को निभाने के लिए पंडा समाज के लोग खुद पिंडदान कर रहे है.

वायु पुराण,गरुड़ पुराण सहित कई धार्मिक शास्त्रों में हर दिन गया धाम में एक पिंड और एक मुंड जरूरी बताया गया है. इसका मतलब यह है कि गया में हर रोज एक पिंड पड़ना और मोक्ष धाम में एक शव का जलना जरुरी है. लेकिन लॉकडाउन के कारण यात्रियों का आना बंद हो चुका है.

ऐसे में पंडा समाज खुद पिंडदान कर वर्षो की परंपरा को निभा रहे है. बताया गया कि पिंडदान का समय और स्थान निर्धारित नहीं होता है. पूरे 5 कोस में फैले गया धाम के विभिन्न पिंडवेदी व विष्णुपद में ही कर लिया जाता है. चुकी विष्णुपद मन्दिर भी बन्द है. सिर्फ प्रतिदिन गर्भगृह में  पूजा की जाती है औऱ फिर इसे बंद कर दिया जाता है. यहां सिर्फ पंड़ा समाज के लोग ही जा सकते हैं.