Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला
1st Bihar Published by: Updated Mon, 01 Feb 2021 08:04:17 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव कब वक्त जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे वैसे चुनाव को लेकर गाइडलाइन भी स्पष्ट हो रही है। बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव क्षेत्र में नामांकन करने के दौरान उम्मीदवार के प्रस्तावक कौन होंगे इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में स्थिति स्पष्ट की है। आयोग के मुताबिक उम्मीदवार के प्रस्तावक के तौर पर शिक्षक, प्रोफेसर या दूसरे शिक्षकेतरकर्मी अपनी सहमति नहीं दे सकते हैं। इतना ही नहीं राज्य के संविदाकर्मियों को भी प्रस्तावक बढ़ने से दूर रखा गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक पंचायत निकायों एवं ग्राम कचहरी के पदों के लिए उम्मीदवार के लिए प्रस्तावक बनने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसके अनुसार केंद्र या राज्य या किसी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णतया आंशिक वित्तीय सहायता लेने वाले शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्य करने वाले या पदस्थापित प्रतिनियुक्त पदाधिकारी, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी प्रस्तावक नहीं बन पाएंगे। इनके साथ ही आंगनबाड़ी सेविका, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर काम करने वाले अनुदेशक के भी प्रस्तावक बनने पर रोक लगाई गई है।
आयोग के मुताबिक पंचायत के अधीन संविदा पर तैनात कर्मियों को भी प्रस्तावक बनने की मनाही होगी। पंचायत के अधीन मानदेय संविदा पर कार्यरत कर्मियों में पंचायत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र और अन्य कर्मी शामिल हैं। पंचायत के अंदर कार्यरत दलपति और होमगार्ड को भी इसमें शामिल किया गया है। साथी साथ आयोग ने सरकारी अधिवक्ता लोक अभियोजक और ऐसे सरकारी वकील जो सरकार द्वारा शुल्क देकर नियुक्त किए जाते हैं उन्हें भी प्रस्ताव बनने के लिए अयोग्य करार दिया है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि सरकार की तरफ से वेतन भोगी कर्मी और मानदेय पर काम करने वाले या किसी तरह से सरकारी शुल्क लेने वाले लोग पंचायत चुनाव में प्रस्तावक नहीं बनेंगे।