PATNA : राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर संकट और गहरा गया है। ईवीएम को लेकर अब केंद्रीय और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच बात और बिगड़ती दिख रही है। वर्चुअल और फिजिकल मीटिंग को लेकर मामला फंसता दिख रहा है। ईवीएम को लेकर 14 अप्रैल को दोनों आयोगों के बीच एक बैठक संभावित है। केंद्रीय चुनाव आयोग चाहता है कि यह बैठक दिल्ली में आमने सामने बैठकर हो, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग इसके पक्ष में नहीं है। कोरोना काल का हवाला देकर राज्य निर्वाचन आयोग वर्चुअल मीटिंग चाहता है। राज्य निर्वाचन आयोग का तर्क है कि कोरोना के कारण स्थिति अच्छी नहीं है और ऐसे में दिल्ली जाकर बैठक मरण शामिल होना संभव नही।
दोनों आयोगों के अलग-अलग स्टैंड से बैठक पर असमंजस की स्थिति बन गई है। 14 अप्रैल की बैठक होगी व या नहीं इसको लेकर कन्फ्यूजन है। राज्य में पहली बार ईवीएम से पंचायत का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। लेकिन चुनाव के लिए ईवीएम तभी उपलब्ध हो पाएगी जब इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को केंद्रीय चुनाव आयोग से ईवीएम की आपूर्ति के लिए अनापत्ति प्रमाण ही पत्र दिया जाएगा। केंद्रीय चुनाव आयोग ने एनओसी नहीं दिया जिसके खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट गया है। ईवीएम की अनुपलब्धता के कारण ही राज्य निर्वाचन आयोग अभी तक पंचायत चुनाव की घोषणा नहीं कर पाया है।
ईवीएम के चक्कर में बिहार में पंचायत के चुनाव में लगभग 2 महीने का विलंब हो चुका है। समय पर चुनाव नहीं होने की सूरत में राज्य सरकार को पंचायतों को संचालित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए पंचायती राज अधिनियम में भी संशोधन करना होगा, क्योंकि समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने की सूरत में पंचायतों में वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी इसको लेकर एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द ही एक्ट में संशोधन करेगी।