PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर लगातार तैयारियां आगे बढ़ रही हैं। राज्य निर्वाचन आयोग हर दिन पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। बिहार में पंचायत चुनाव के लिए दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगाने का काम पूरा हो चुका है और अब जो ताजा खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक आगामी 20 अगस्त तक के ईवीएम का फर्स्ट लेवल टेस्टिंग पूरा कर लिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग में सभी जिलों के डीएम को अपने यहां ईवीएम का एफएलसी कराने के लिए निर्देश जारी किया है।
ईवीएम की फर्स्ट लेवल टेस्टिंग के लिए सभी जिलों को ईवीएम निर्माता कंपनियों से तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाने और इसके लिए अन्य गाइडलाइन जारी किए गए हैं। 20 अगस्त तक के सभी जिलों में एफएलसी की प्रक्रिया पूरी कर ली जानी है। आपको बता दें कि जिला प्रशासन की विशेष निगरानी में ईवीएम का फर्स्ट लेवल टेस्टिंग किया जाना है। संबंधित ईवीएम निर्माता कंपनियों के इंजीनियर आयोग के दिशा-निर्देश पर जिलों में जाकर इसकी जांच करेंगे। उनकी तरफ से यह सर्टिफाई किया जाएगा की ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है।
उधर पंचायत चुनाव में फर्जी वोटिंग रोकने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग इस बार एक बड़ी पहल करने जा रहा है। केंद्र सरकार की बेंगलुरू स्थित बायोमेट्रिक संबंधी कार्य करने वाली ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड कंपनी को बायोमेट्रिक यानी थंब इंप्रेशन के जरिए आधार और वोटर के फोटो पहचान पत्र से फोटो का मिलान करने की तैयारी की है। पंचायत चुनाव में वोट करने वाले मतदाताओं का थंब इंप्रेशन लिए जाने और आधार से उसे वेरीफाई किए जाने के बाद बोगस वोटिंग पर पूरी तरह से नकेल लग पाएगी। इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के सामने बायोमेट्रिक संबंधित प्रेजेंटेशन बीसीआईएल की तरफ से किया जा चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग को इससे बायोमेट्रिक के वेरिफिकेशन पर हर बूथ के अंदर लगभग 25 सौ रुपये का खर्च आएगा यानी थंब इंप्रेशन पर ही 30 करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है।