PATNA: लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में भगदड़ मच गई है। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष के विधायक पाला बदलकर सत्ताधारी दलों के साथ जा रहे हैं। आरजेडी के पांच तो कांग्रेस के दो विधायक अबतक पाला बदलकर एनडीए खेमें में पहुंच गए हैं।
दरअसल, शुक्रवार को बजट सत्र के आखिरी दिन आरजेडी विधायक भरत बिंद ने विधानसभा में पाला बदल लिया। पाला बदलने के बाद विधायक ने बताया कि आखिर क्यों उन्होंने लालू-तेजस्वी का साथ छोड़ दिया। भरत बिंद ने बताया कि वे अपनी स्वेक्षा से बीजेपी में आए हैं। ईच्छा थी कि भाजपा के साथ जुड़ जाएं तो आ गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम से प्रभावित होकर बीजेपी में आए हैं।
पाला बदलने के बाद फर्स्ट बिहार से बातचीत में उन्होंने कहा कि पाला बदलने का कोई कारण नहीं है। सबको स्वतंत्रता है और यही तो प्रजातंत्र और लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि मेरी किसी के साथ कोई नाराजगी नहीं है स्वेच्छा से बीजेपी में आए हैं। सदस्यता जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो संविधान के अंतर्गत नियम है उसी प्रावधान के तहत सबकुछ होगा। आगे जो भी होगा उसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने अभी और भी विधायकों के पाला बदलने की संभावना जताई है।
बता दें कि बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही महागठबंधन के विधायकों के टूटने का जो सिससिला शुरू हुआ वह अनवरत जारी है। सबसे पहले विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे आरजेडी विधायक चेतन आनंद, पूर्व विधायक अनंत सिंह की विधायक पत्नी नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने पाला बदला। इसके बाद विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम, सिद्धार्थ सौरवी समेत आरजेडी विधायक संगीता कुमारी बीजेपी में शामिल हो गए और अब आरजेडी के एक और विधायक भरत बिंद ने पाला बदल लिया है।