ब्रेकिंग न्यूज़

SAHARSA: 50 हजार का इनामी कुख्यात अपराधी प्रिंस गिरफ्तार, STF और जिला पुलिस की बड़ी कार्रवाई बेगूसराय में अपराधी बेलगाम: घर में घुसकर 2 साल की बच्ची की गोली मारकर हत्या ऑपरेशन सिंदूर पर बोले प्रशांत किशोर, कहा..भारतीय सेना को मेरा सलाम..विशेषज्ञों को अपना काम करने दीजिए ARRAH: जिले के प्रभारी मंत्री केदार प्रसाद से मिले अजय सिंह, भोजपुर के विकास को लेकर हुई चर्चा BIHAR: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर जमुई में भव्य कार्यक्रम, विधायक श्रेयसी सिंह ने कहा..पीएम मोदी के वादे को सेना ने किया पूरा पटना में बिना नंबर की थार से विदेशी हथियार बरामद, अपराधियों की साजिश नाकाम Bihar News: बिहार के सरकारी तालाबों को मिलेगी विशिष्ट पहचान, जलनिकायों को मिलेगा नया आयाम Bihar News: बिहार के सरकारी तालाबों को मिलेगी विशिष्ट पहचान, जलनिकायों को मिलेगा नया आयाम New Bypass in Bihar: बिहार में यहां बनने जा रहा है नया बाइपास, मालामाल होंगे इन जिलों के जमीन मालिक! New Bypass in Bihar: बिहार में यहां बनने जा रहा है नया बाइपास, मालामाल होंगे इन जिलों के जमीन मालिक!

पहली ही परीक्षा में बुरी तरह फेल हुए प्रशांत किशोर: उप चुनाव में औंधे मुंह गिरे, आगे की राजनीति पर भारी संकट

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 23 Nov 2024 03:19:47 PM IST

पहली ही परीक्षा में बुरी तरह फेल हुए प्रशांत किशोर: उप चुनाव में औंधे मुंह गिरे, आगे की राजनीति पर भारी संकट

- फ़ोटो

PATNA: दो राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव पर देश भर की नजर थी. लेकिन बिहार के लिए सबसे अहम था विधानसभा की चार सीटों पर हो रहा उप चुनाव. 2025 के विधानसभा चुनाव से करीब 10 महीने पहले बिहार की चार सीटों पर हो रहे उप चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा था. इस सेमीफाइनल में निगाहें न सिर्फ एनडीए और इंडिया गठबंधन बल्कि प्रशांत किशोर पर थी. दो साल से बिहार की पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर चमत्कार का दावा कर रहे थे लेकिन औंधे मुंह गिर गये.


फेल हो गये प्रशांत किशोर 

प्रशांत किशोर औऱ उऩकी जन सुराज पार्टी ने उप चुनाव वाली चारों सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे. लेकिन उन्हें इतने बुरे रिजल्ट का अंदाजा नहीं रहा होगा. तरारी, रामगढ़, बेलागंज औऱ इमामगंज चारों सीटों पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार हारे. ये हाल तब हुआ जब प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने में पूरी ताकत झोंक दी थी. पूरे बिहार से उनके तमाम समर्थक इन चार सीटों पर लगातार कैंप कर रहे थे. पैसे और दूसरे संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी थी.


दो सीटों पर लाज बची

उप चुनाव के परिणाम बताते हैं कि बिहार की चारों सीटों पर प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के उम्मीदवार की हालत खराब रही. वैसे, प्रशांत और उनके समर्थक ये कह सकते हैं कि चारों जगहों पर उऩके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे. लेकिन दो सीटों तरारी और रामगढ़ में उनकी स्थिति बेहद बुरी रही. तरारी में जन सुराज की उम्मीदवार किरण सिंह को सिर्फ 5हजार 622 वोट मिले. ऐसी ही स्थिति रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुई, जहां जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह को सिर्फ 6 हजार 513 वोट हासिल हुए.


वैसे प्रशांत किशोर के लिए थोड़ी राहत की भी खबर ये है कि उप चुनाव में दो सीटों पर उन्हें लाज बचाने लायक वोट मिल गये. जन सुराज पार्टी ने सबसे ज्यादा वोट इमामगंज सीट पर हासिल हुए. इस सीट पर भी जन सुराज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान तीसरे स्थान पर रहे लेकिन उन्हें करीब 37 हजार वोट मिले. 


प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज को बेलागंज सीट पर भी इज्जत बचाने लायक वोट मिल गये. प्रशांत किशोर ने इस सीट पर मुसलमान उम्मीदवार उतारा था. ये प्रयोग थोड़ा सफल रहा. जन सुराज के उम्मीदवार मो. अमजद को 17 हजार 825 वोट हासिल हुए. बेलागंज सीट पर मुसलमान वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. आरजेडी ने इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए अपने तमाम मुसलमान नेताओं को बेलागंज में कैंप करा दिया था. लेकिन फिर भी प्रशांत किशोर के उम्मीदवार मुसलमानों का अच्छा खास वोट लेने में सफल रहे.


आगे की राजनीति पर संकट

बिहार में हुए उप चुनाव से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा था. लेकिन इसे 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था. प्रशांत किशोर 2025 के विधानसभा चुनाव में भी चमत्कार का दावा कर रहे हैं. लेकिन उप चुनाव में उनकी पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन से दावों की हवा निकलती दिख रही है. इससे प्रशांत किशोर के समर्थकों में भी गलत मैसेज गया है. 


उप चुनाव के रिजल्ट का एक मैसेज ये भी है कि बिहार के अगले विधानसभा चुनाव में लड़ाई को एनडीए औऱ इंडिया गठबंधन के बीच ही होना है. बिहार में सियासी लड़ाई हमेशा आमने-सामने की होती है. इसमें तीसरे कोण की गुंजाइश कम ही होती है. ऐसे में प्रशांत किशोर की राजनीतिक स्वीकार्यता कम होगी. जाहिर है आने वाले दिन उऩके लिए कठिन साबित होने वाले हैं.