नियोजित शिक्षकों ने PM मोदी से लगायी वेतन भुगतान की गुहार, बोले- CM नीतीश ने भूखे मरने के लिए छोड़ा

नियोजित शिक्षकों ने PM मोदी से लगायी वेतन भुगतान की गुहार, बोले- CM नीतीश ने भूखे मरने के लिए छोड़ा

PATNA : बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों के सामने अब भूखमरी की समस्या आ खड़ी हुई है। समान काम समान वेतन और समान सेवाशर्त समेत सात सूत्री मांगों के समर्थन में पिछले 17 फरवरी के शिक्षक हड़ताल पर हैं। ऐसे में बिहार सरकार के नियोजित शिक्षकों के कार्यावधि का भी वेतन भी रोक दिया है। इस बीच कोरोना की आयी महाआपदा में शिक्षकों के सामने घर चलाने के लिए पैसों के लाले पड़ गये हैं और सरकार किसी भी कीमत पर  उनकी सुनने को तैयार नहीं हैं। वहीं अब इस बीच शिक्षकों ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी से मदद की गुहार लगायी है। वहीं शिक्षक अपनी व्यथा-कथा महामहिम राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी सुनाने वाले हैं।


राज्य सरकार द्वारा हड़ताल की अनदेखी पर शिक्षकों ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है। सूबे के तमाम जिलों से हड़ताली शिक्षकों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को ईमेल भेजकर अपनी व्यथा व्यक्त की है। शिक्षक महामहिम राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी ईमेल भेज कर न्याय की गुहार लगाएंगे।बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के प्रमुख घटक टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि एक तरफ कोरोना आपदा दूसरी तरफ सरकार की अनदेखी से शिक्षक और शिक्षक परिवार के समक्ष जीवनमरण का संकट पैदा हो गया है। इस परिस्थिति में भी शिक्षक कोरोना महामारी के खिलाफ वालिंटयरी को तैयार हैं। लंबित वेतन का भुगतान रोककर सरकार ने हड़ताली शिक्षकों को भूखों मरने छोड़ दिया है। हड़ताली शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान रोकना अमानवीय है। कोई भी संवेदनशील सरकार अपने कर्मियों से इस तरह से पेश नही आ सकती। राज्य सरकार को अविलंब शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान करनी चाहिए।


संगठन के प्रदेश सचिव अमित कुमार शाकिर इमाम,नाजिर हुसैन,प्रदेश कोषाध्यक्ष संजीत कुमार और प्रदेश मीडिया प्रभारी राहुल विकास कहा कि शिक्षक संगठनों से अपील करके उन्हें सुरक्षित मानकों के साथ आपदा कार्य में लगाने के बजाय बिहार सरकार माननीय प्रधानमंत्री जी के कर्मचारियों कर्मियों के वेतन जारी करने सम्बन्धी अपील को भी ख़ारिज कर रही है। शिक्षकों से अपील करके सघन आपदा टीम बनाने के बदले राज्य सरकार द्वारा लगातार शिक्षकों को दण्डित करने सम्बन्धी आदेश जारी किये जा रही है। मीडियाकर्मियों सफाईकर्मियों समेत जरूरी सेवा से जुड़े तमाम कर्मियों को प्रोत्साहन राशि मुहैय्या करानी चाहिए। उन्होनें कहा कि हड़ताली शिक्षक आपदा की इस बेला में सरकार के द्वारा उठाये जा रहे जरुरी क़दमों के साथ मुस्तैदी से खड़े हैं। सरकार को भी हड़ताली शिक्षकों के मसले पर अपना पक्ष रखना चाहिए। आंदोलन के अनदेखी की स्थिति में शिक्षक हड़ताल जारी रहेगी।