नियोजित शिक्षक जारी रखेंगे अपनी लड़ाई, अब कोरोना और सरकार दोनों के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा

नियोजित शिक्षक जारी रखेंगे अपनी लड़ाई, अब कोरोना और सरकार दोनों के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा

PATNA : समान काम समान वेतन और समान सेवा शर्त की लड़ाई लड़ रहे बिहार के लगभग पौने चार लाख नियोजित शिक्षक अब सरकार के साथ-साथ कोरोना से भी लड़ाई लड़ेंगे। शिक्षकों ने कहा कि हड़ताल किसी भी कीमत पर जारी रहेगी। अब शिक्षक मॉस्क पहन पर सरकार के विरोध में उतरेंगे।


इस बाबत समन्वय समिति प्रदेश कोर कमिटी सदस्य सह टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश भर में अब "प्रोटेस्ट विद मॉस्क" कैंपेन चलेगा। सरकारी अस्पतालों की तरह सरकारी विद्यालयों को ध्वस्त करने की सरकार की साजिश के खिलाफ शिक्षकों का संघर्ष और भी ज्यादा तेज होगा। उन्होनें बताया कि हड़ताली शिक्षकों के द्वारा चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। शिक्षा और शिक्षकों के सवाल पर ये संघर्ष यहीं नहीं रूकेगा। उन्होनें कहा कि सहायक शिक्षक-राज्यकर्मी का दर्जा और पूर्ण वेतनमान व समान सेवाशर्त के लिए संघर्ष और भी तेज होगा। सरकार को हम चौतरफा घेरेंगे।


संघ ने कहा कि  एहतियाती स्कूल बंदी का कदम अपनी जगह पर सही है लेकिन शिक्षकों के स्कूल आने के आदेश से सरकार के शिक्षक विरोधी मंसूबों का पता चलता है । जब वायरस के प्रभाव में कोई भी आ सकता है तो शिक्षकों के लिए इस तरह के विशेष आदेश जारी किया जाना निहायत ही आपत्तिजनक है । बिहार के हड़ताली शिक्षक, सहायक शिक्षक- राज्यकर्मी का दर्जा समेत पूर्ण वेतनमान और सेवाशर्त की मांग पर अपनी हड़ताल लागातार जारी रखेंगे । एहतियात का पालन करते हुए इस दौरान भी नियोजित शिक्षक पोषक क्षेत्र में लोगों के बीच जाकर सरकार के लचर स्वास्थ्य व शिक्षा नीतियों की पोल खोलेंगे । समन्वय समिति कोरोना और नियोजन सिस्टम- दोनों के खिलाफ लड़ाई आगे बढ़ाते हुए प्रदेशभर में "प्रोटेस्ट विद मॉस्क" कैंपेन चलायेगी । इसको लेकर समन्वय समिति जनसंपर्क की रणनीति बना रही है।


गोपगुट के प्रदेश सचिव अमित कुमार,नाजिर हुसैन और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा कि नीतीश सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे संवेदनशील विभागों को अनुबंध और संविदा की आग में झोंककर बर्बाद कर देना चाहती है । सरकार के जनविरोधी शिक्षा स्वास्थ्य नीतियों का भंडाफोड़ करते हुए शिक्षक अपनी मांगों पर मजबूती से डटे रहेंगे ।