PATNA : बिहार के नियोजित शिक्षकों की चर्चा पूरे देश में होती है। नियोजित शिक्षकों के आंदोलन की खबरें पूरे भारत में लोगों ने पढ़ी और देखी हैं। वेतनमान की मांग को लेकर बिहार के नियोजित शिक्षक के लंबे समय से आंदोलनरत रहे हैं लेकिन अब जल्द ही राज्य के अंदर नियोजित शिक्षक नजर नहीं आएंगे।
दरअसल नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए जो सेवाशर्त तैयार की है उसमें अब 'नियोजित' शब्द का जिक्र नहीं होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान से दिए अपने संबोधन में नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली को लेकर बड़ा संकेत दिया। नीतीश कुमार ने जो संकेत दिया उसके बाद सरकार के अंदरखाने से आ रही खबरों के मुताबिक के नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली को कैबिनेट की बैठक में जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी। सोमवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक होनी है जिसमें इस पर मुहर लग जाएगी। लेकिन सेवाशर्त नियमावली में अब 'नियोजित' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
सत्ता के गलियारे में लगातार इस बात की चर्चा है कि सरकार नियोजित शिक्षकों का सेवाशर्त नियमावली को भले ही मंजूरी दे दे लेकिन फिलहाल कोरोना काल में इनका वेतन नहीं बढ़ाएगी। हालांकि वेतन वृद्धि पर फैसला नहीं लेना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में अगर सरकार नियोजित शिक्षकों का वेतनमान नहीं बढ़ाती है और और सेवाशर्त को मंजूरी देती है तो संभव है कि नियोजित शिक्षकों के बीच नाराजगी बरकरार रह जाए। सरकार ने बीते साल ही वेतन वृद्धि की थी। बिहार के नियोजित शिक्षक के लंबे वक्त से सेवाशर्त की मांग कर रहे हैं। सेवाशर्त नियमावली लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ भी मिल पाएगा साथ ही साथ तबादलों की प्रक्रिया भी सुलभ होगी। अब तक नियोजित शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में एक बार ही नियोजन इकाई के अंदर किसी दूसरे स्कूल में तबादला मिल पाता है। सेवाशर्त नियमावली लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों की बड़ी मांग पूरी हो जाएगी हालांकि वेतनमान को लेकर सरकार ने पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी है। नीतीश सरकार नियोजित शिक्षकों को समान काम समान वेतन के आधार पर वेतनमान नहीं देगी। नियोजित शिक्षकों को को अब ईपीएफ का भी लाभ मिल पाएगा।