नीतीश से मुलाकात के ठीक पहले उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, नहीं गिरेगी शिंदे सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 11 May 2023 12:39:55 PM IST

नीतीश से मुलाकात के ठीक पहले उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, नहीं गिरेगी शिंदे सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

- फ़ोटो

DELHI: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज विपक्षी एकता को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने वाले हैं लेकिन इस सियासी मुलाकात से ठीक पहले उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इस फैसले के बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार पर छाए संकट के बादल छंट गए हैं। SC ने शिंदे समेत 16 विधायकों की अयोग्यता पर फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया है केस को विचार के लिए 7 जजों की बड़ी बेंच के समक्ष भेज दिया है।


दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लेकर आज महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने वाले हैं। नीतीश और तेजस्वी समेत अन्य नेता पटना से महाराष्ट्र के लिए रवाना हो चुके हैं। इसी बीच उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव गुट की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत देते हुए कहा कि वह विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लेगा।


कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया, ऐसे में उनको बहाल नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने इसके लिए स्पीकर को जल्द फैसला लेने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान शिंदे खेमे के भारत गोगावाले को शिवसेना का चीफ व्हिप बनाया जाना अवैध था। कोर्ट ने गवर्नर की तरफ से फ्लोर टेस्ट कराए जाने के फैसले पर भी सवाल उठाए।


शीर्ष अदालत ने कहा कि व्हिप को पार्टी से अलग करना लोकतंत्र के हिसाब से सही नहीं। जनता से वोट पार्टी ही मांगती है, सिर्फ विधायक तय नहीं कर सकते कि व्हिप कौन होगा। पार्टी विधायकों की बैठक में उद्धव ठाकरे को नेता चुना गया था लेकिन 3 जुलाई को स्पीकर ने शिवसेना के नए व्हिप को मान्यता दे दी थी। स्पीकर को स्वतंत्र जांच कर इसपर फैसला लेना चाहिए था। गोगावले को व्हिप मान लेना गलत था क्योंकि इसकी नियुक्ति पार्टी करती है। इसके साथ ही कोर्ट ने केस को विचार के लिए 7 जजों की बड़ी बेंच के समक्ष भेज दिया।


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्यपाल को संविधान ने जो अधिकार नहीं दिए हैं उन्हें उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सरकार और स्पीकर अगर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा टालना चाहें तो गवर्नर इसपर फैसला ले सकते हैं लेकिन इस मामले में विधायकों ने राज्यपाल को जो पत्र लिखा, उसमें यह नहीं कहा कि वे सरकार हटाना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा कि वह उद्धव सरकार को दोबारा बहाल नहीं कर सकते।