नीतीश सरकार ने विकास मित्रों का बढ़ाया मानदेय, चुनाव से पहले किसान सलाहकारों के मानदेय में भी बढ़ोतरी

नीतीश सरकार ने विकास मित्रों का बढ़ाया मानदेय, चुनाव से पहले किसान सलाहकारों के मानदेय में भी बढ़ोतरी

PATNA :  इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. जहां बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार की इस अहम बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं. इस मीटिंग में कुल 64 एजेंडों पर मुहर लगी है. चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार ने महादलित विकास मिशन में लगे विकास मित्रों और किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ा दिया है. इसके साथ-साथ रसोइयों के राज्य भत्ता में भी बढ़ोतरी की गई है.


नीतीश सरकार में कोरोना महामारी के दौर में कई अहम फैसले किए हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुक्रवार को हुई इस अहम बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं. इस मीटिंग में कुल 64 एजेंडों पर मुहर लगी है. सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार महादलित विकास मिशन के संचालन में लगे विकास मित्रों के मानदेय  में 1200 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इसके आलावा वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि खता में सरकार का अंशदान 1625 से बढाकर 1785 रुपये कर दिया गया है.


नीतीश सरकार ने किसान सलाहकार के मानदेय को भी बढ़ाया है. कैबिनेट की बैठक में किसान सलाहकार के मानदेय में 1000 रुपये की बढ़ोतरी पर मुहर लगी है. यानी कि अब किसान सलाहकारों को अगले साल 1 अप्रैल से 12000 रुपये की जगह 13000 रुपये हर महीने दिए जायेंगे. बिहार में रसोइयों के राज्य भत्ता में 150 रुपये की वृद्धि की गई है. अगले साल 1 अप्रैल से उन्हें हर महीने 1650 रुपये वेतन के रूप में दिए जायेंगे.


चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका, मिनी आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के राज्य भत्ता में बढ़ोतरी की है. आंगनबाड़ी सेविका के राज्य भत्ता में 300 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी सेविका के राज्य भत्ता में 200 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिका के राज्य भत्ता में 150 रुपये की बढ़ोतरी की है.


अगले साल 1 अप्रैल से आंगनबाड़ी सेविका, मिनी आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के राज्य भत्ता में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा. सरकार के इस फैसले के बाद अप्रैल 2021 से आंगनबाड़ी सेविका को 1450, मिनी आंगनबाड़ी सेविका को 1130 और आंगनबाड़ी सहायिका को 725 रुपये राज्य भत्ता के रूप में दिए जायेंगे. बिहार सरकार के इस फैसले से राजकोष पर 60 करोड़ 6 लाख 93 हजार रुपये का खर्च बढ़ेगा.