PATNA: बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जदयू की स्वाभिमान रैली में सीएम नीतीश के संबोधन पर कहा कि राजद के हाथों अपना स्वाभिमान गिरवी रख कर अपनी कुर्सी बचाने वाले मुख्यमंत्री के मुंह से स्वाभिमान की बात शोभा नहीं देती है। महाराणा प्रताप ने तो अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए जंगल में रहकर घास की रोटी खाना स्वीकार किया मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो जंगलराज वालों के दबाव पर 'जनता राज' बताकर पूरे बिहार को ' गुंडाराज' में तब्दील कर दिया है।
विजय सिन्हा का कहना है कि एक ओर तो मुख्यमंत्री महाराणा प्रताप के स्वाभिमान व शौर्य की बातें कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनका कैबिनेट मंत्री व सहयोगी राजद महाराणा के वंशजों को अंग्रेजों का दलाल कहकर अपमानित कर रहा है। महाराणा ने तो तमाम दुश्वारियों के बावजूद कभी भी विधर्मी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की, मगर उनके नाम पर राजनीति करने वाले दल का एमएलसी पूरे देश में शहर-शहर कर्बला बनाने की धमकी देता है और मुख्यमंत्री जी उसका मौन समर्थन करते हैं। दरअसल मुख्यमंत्री की सत्ता-लोलुप राजनीति का यह दोहरापन है। ऐसे लोग स्वाभिमान की बात नहीं करें तो ही अच्छा रहेगा।
सीवान में 4 लोगों की शराब पीने से हुई मौत की घटना को विजय सिन्हा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि अहंकारी व्यक्ति थोथा स्वाभिमान का दिखवा तो कर सकता है, मगर उसकी रक्षा नहीं कर सकता है। सारण में पिछले महीने जहरीली शराब से सौ से ज्यादा लोग मर गए, सैकड़ों बच्चे अनाथ व महिलाएं विधवा हो गईं, मगर कथित समाधान यात्रा के दौरान अहंकारी मुख्यमन्त्री को उनसे आंख मिलाने तक की हिम्मत नहीं हुई। मुख्यमंत्री जी यह स्वाभिमान नहीं अहंकार व कायरता है। अगर सारण शराब कांड की आप ईमानदारी व सम्वेदना के साथ समीक्षा किए रहते, अपने भ्रष्ट तंत्र का नकेल कसे रहते, शराब माफियों को संरक्षण देना बंद किए रहते तो सीवान में भी मौत का सिलसिला जारी नहीं रहता। विजय कुमार सिन्हा मंगलवार को सीवान के लकड़ी नवीनगर जा कर जहरीली शराब के मृतकों के परिजनों व स्थानीय लोगों से मिलकर हालात का जायजा लेंगे।