नीतीश ने मित्र के भाई को मंत्री का दर्जा दिया, CM के इसी मित्र पर लालू ने जनसभा में कहा था-नीतीश रात में मिश्रा जी के यहां क्यों रूकते हैं?

नीतीश ने मित्र के भाई को मंत्री का दर्जा दिया, CM के इसी मित्र पर लालू ने जनसभा में कहा था-नीतीश रात में मिश्रा जी के यहां क्यों रूकते हैं?

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने निजी मित्र के भाई को भी मंत्री का दर्जा दे दिया है. राज्य सरकार ने बुधवार को बिहार बाल श्रमिक आयोग का गठन कर दिया. इसमें सीएम के निजी मित्र के भाई को उपाध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया गया है. ये सीएम को वही मित्र हैं जिनके बारे में भरी जनसभा में लालू यादव ने पूछा था कि नीतीश कुमार रात में सर्किट हाउस में रूकने के बजाय मिश्रा जी के यहां क्यों जाते हैं. तेजस्वी यादव उन्हें सृजन घोटालेबाज कहते थे. नीतीश के मित्र ने लालू यादव और तेजस्वी यादव को कानूनी नोटिस भी भेजी थी. वैसे खास बात ये भी रही कि पहली दफे किसी आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी राजद के जिम्मे गयी.]



बिहार बाल श्रमिक आयोग का गठन

बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग ने बुधवार को बाल श्रमिक आयोग के गठन की घोषणा की. आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गयी है. सरकार ने डॉ चक्रपानि हिमांशु को बाल श्रमिक आयोग का अध्यक्ष बनाया है. वहीं राजीव कांत मिश्रा को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. आयोग में विभिन्न श्रमिक संगठनों, विधायकों और विधान पार्षदों को सदस्य बनाया गया है. वहीं जेडीयू के नेता आनंदी मेहता को अति पिछड़ा कोटे से सदस्य बनाया गया है. ये भी दिलचस्प बात है कि अति पिछड़ों से जुड़े हर मामले में नीतीश राजद को कोई मौका नहीं दे रहे हैं.



सीएम के दोस्त के भाई को मंत्री का दर्जा

बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष को नीतीश सरकार कैबिनेट मंत्री तो उपाध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा देती है. यानि उन्हें मंत्री जैसा ही वेतन-भत्ता, गाड़ी, बंगला, कर्मचारी जैसी सारी सुविधायें मिलती हैं. राजद नेता चक्रपानि हिमांशु को कैबिनेट मंत्री की भांति सुविधा हासिल होगी. लेकिन जेडीयू कोटे से जिन्हें बाल श्रमिक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है उनका नाम सुनकर ज्यादातर जेडीयू नेता हैरान हो सकते हैं. क्योंकि इस नाम के किसी नेता को उन्होंने पार्टी में कभी देखा नहीं होगा. 



दरअसल राजीव कांत मिश्रा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निजी मित्र उदयकांत मिश्रा के भाई हैं. नीतीश कुमार अपने मित्र उदयकांत मिश्रा पर पहले ही जबरदस्त दरियादिली दिखा चुके हैं. उदयकांत मिश्रा फिलहाल बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं. इस प्राधिकरण के अध्यक्ष खुद सीएम होते हैं. उदयकांत मिश्रा को उपाध्यक्ष होने के नाते भारी सरकारी सुख सुविधा हासिल है. लेकिन उससे पहले नीतीश कुमार उन्हें आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बना चुके हैं. उदयकांत मिश्रा इसी यूनिवर्सिटी के प्रति कुलपति भी रह चुके हैं. नीतीश कुमार के मित्र उदयकांत मिश्रा भागलपुर में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन भी हैं. 



लालू ने पूछा था मिश्रा जी के घर क्यों रूकते हैं

सीएम के ये मित्र वही मिश्रा जी हैं जिन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव को मानहानि का लीगल नोटिस भी भेजा था. 2017 में भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए लालू ने कहा था- नीतीश कुमार जब भागलपुर आते हैं तो किस मिश्रा जी के घर जाते हैं और क्यों जाते हैं? क्या वजह है कि नीतीश कुमार रात में सर्किट हाउस में नहीं ठहरते?



इसी सभा में उदयकांत मिश्रा को तेजस्वी यादव ने सृजन घोटाला करने वाला बताया था. इसके बाद उदय कांत मिश्रा ने लालू यादव औऱ तेजस्वी यादव को लीगल नोटिस भेज कर मुकदमे की धमकी दी थी. 



क्या करते हैं राजीव कांत मिश्रा

राजीव कांत मिश्रा भागलपुर में एक कोचिंग संस्थान चलाते हैं. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके परिवार का रूतबा किस कदर बढ़ा है ये भागलपुर के लोग जानते हैं.  अब तक इस परिवार के उदय कांत मिश्रा को ही अब तक मंत्री जैसी सुख सुविधायें हासिल थीं, अब उनके भाई राजीव कांत मिश्रा को भी वैसी ही सुख सुविधायें मिल गयीं.