PATNA : बिहार में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और पटना में रूपेश हत्याकांड को लेकर नीतीश कुमार और पत्रकारों के बीच आज काफी देर तक बहस होती रही. यह सब कुछ सार्वजनिक तौर पर हुआ. मुख्यमंत्री तकरीबन 10 मिनट तक पत्रकारों से उलझते रहे. पत्रकार सवाल दागते रहे और नीतीश कुमार यह आरोप लगाने से भी नहीं चूके कि पत्रकार विपक्ष की भाषा बोल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस दौरान मीडिया के सामने यह भी कहा कि अगर आपको किसी अपराध के बारे में जानकारी मिलती है तो सीधा हमें बताइए.
मुख्यमंत्री के इतना कहने के बाद पत्रकारों ने उनसे उल्टे सवाल कर दिया. मीडिया ने पूछा कि आखिर वह सूचना दें तो किसे दें. नीतीश कुमार ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि जानकारी सीधे बिहार के डीजीपी को दीजिए. तब पत्रकारों ने यह आरोप लगाया कि बिहार के डीजीपी फोन नहीं उठाते हैं. मीडिया कर्मियों की तरफ से बार-बार यह कहे जाने के बाद कि डीजीपी को फोन मिला कर देख लीजिए, वह फोन नहीं उठाते है तो नीतीश कुमार ने खुद डीजीपी को फोन मिला दिया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन घुमाते ही डीजीपी एसके सिंघल तुरंत हरकत में आ गए और फोन की दो रिंग के बाद ही उठा लिया. तब नीतीश कुमार ने यह कहा कि फोन उठाया करिए डीजीपी साहब.
बता दें कि इंडिगो के एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या के 2 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है. हर दावे के बावजूद पुलिस अब तक अपराधियों का पता नहीं कर पाई है. आज नीतीश कुमार से जब रूपेश हत्याकांड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मीडिया पर ही अपनी भड़ास निकाल दी और मीडिया के द्वारा डीजीपी पर फ़ोन नहीं उठाये जाने का आरोप लगाया गया तो उन्होंने खुद डीजीपी को फ़ोन मिला दिया और पत्रकारों का फोन उठाने की बात कही.