PATNA: शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह से भरे सदन में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को बेइज्जत किया, उसको लेकर मांझी मर्माहत हो गए हैं। जीतन राम मांझी ने कहा है कि नीतीश कुमार का मानसिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ गया है और उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनाकर कोई एहसान नहीं किया था बल्कि अपनी लाज बचाने के लिए सीधे-साधे आदमी को सीएम बनाया था।
जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार तमक कर उठ गए और अनाप-शनाप बोलने लगे। हमको तो आश्चर्य हुआ कि क्या वे वही नीतीश कुमार हैं जो आज से कुछ महीने पहले तक थे? लग रहा था कि वे दूसरे रूप में सदन में पहुंचे थे। हमें लगता है कि कहीं न कहीं मुख्यमंत्री के दिमाग में कुछ कमजोरी है, जिसके कारण वे इस तरह की बात बोल रहे हैं। वे बार-बार तू-तड़ाक की बात करते हैं। नीतीश कुमार 1985 में विधायक बनें लेकिन हम 1990 से विधायक हैं। वे उम्र में 74 साल के हैं जबकि हम 80 साल के हैं। इस हालत में विधानसभा में इस तरह से तू-तड़ाक करना कहां का औचित्य है। ऐसे में लगता है कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार कहते हैं कि हमने तुमको मुख्यमंत्री बनाया। 2014 में नीतीश कुमार हार गए तब लोग कहने लगे कि इस्तीफा दो तब अपनी लाज बचाने के लिए एक सीधा साधा आदमी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया था। जीतन राम मांझी को उन्हों ने अंडरस्टीमेट किया था। मुख्यमंत्री को भ्रम था कि ये तो भुइयां मुसहर का परिवार है, हम जो कहेंगे वह करेगा। दो महीने तक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी बातों को कहा लेकिन बात होने लगी कि जीतन राम मांझी रबर स्टॉप हैं और रिमोट से चलते हैं। मीडिया की इन बातों ने प्रेरणा दी। इसके बाद जब काम करने लगे तो मुख्यमंत्री का चमचा लोग बोला कि अगर चार-पांच महीना जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रह गया तो आपको कुत्ता भी नहीं पूछेगा।
बता दें कि विधानसभा में आज आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही थी। सदन में मुख्यमंत्री के बोलने के बाद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी आरक्षण विधेयक पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बेशक आरक्षण को बढ़ा दीजिए लेकर उसे धरातल पर उतरना चाहिए। इस दौरान मांझी ने जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल उठाए जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए और अपनी जगह खड़े होकर जीतन राम मांझी को जो नहीं कहना चाहिए वह भी कह गए।