नीतीश का नया नारा.. 'सक्षम बिहार-स्वाबलंबी बिहार', युवाओं के लिए 'युवा शक्ति-बिहार की प्रगति'

नीतीश का नया नारा.. 'सक्षम बिहार-स्वाबलंबी बिहार', युवाओं के लिए 'युवा शक्ति-बिहार की प्रगति'

PATNA : बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल यूनाईटेड ने नया नारा कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी बिगुल बजने के साथ ही अब नया नारा दिया है. मुख्यमंत्री ने "सक्षम बिहार-स्वावलंबी बिहार" का नारा देते हुए कहा है कि अब राज्य में सात निश्चय के दूसरे चरण का कार्यक्रम शुरू किया जायेगा. नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर जनता उन्हें एक बार फिर से छुट्टी है, तो युवाओं पर खास फोकस किया जाएगा और युवाओं के लिए सरकार युवा शक्ति प्रकार की प्रगति के नारे के साथ आगे बढ़ेगी.





नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर वह सत्ता में दोबारा आएं तो एक बार फिर से बिहार के विकास को आगे बढ़ाया जायेगा. युवाओं के लिए कौशल विकास मंत्रालय की अलग से स्थापना की जाएगी. युवाओं का स्किल डेवलपमेंट किया जा सके, इसके लिए सरकार नीति बनाकर आगे बढ़ेगी और नए मंत्रालय के जरिए इस पर काम किया जायेगा.




मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में चुनाव के लिए उनकी पार्टी जनता दल यूनाईटेड पूरी तरह से तैयार है. राज्य के विकास के लिए अब तक उनकी पार्टी और सरकार ने जो काम किया है, वह जनता के सामने हैं और आगे भी बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए सात निश्चय के वादे को पूरा करने पर संतोष जताया है. नीतीश कुमार ने कहा कि सात निश्चय की योजना को लेकर हमने जनता से जो वादा किया था, उसको जमीन पर उतारा है. लगातार सात निश्चय की योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है और राज्य के कोने-कोने तक के इस योजना का लाभ लोगों को मिला है.


सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि अबकी बार सरकार बनी तो सात निश्चय पार्ट-2 पर काम होगा. हम जो काम कर रहे हैं, उसका फीडबैक लोगों से लिया जा सकता है. लोगों की इच्छा होती है कि और काम होना चाहिए. हमारे काम का आकलन करने की कोशिश कीजिये.


जब मैंने पहले 7 निश्चय प्लान किया है, तो मुझे लगा है कि अब एक दूसरे सात निश्चय की जरूरत है. सक्षम बिहार स्वाबलंबी बिहार के लिए सात निश्चय पार्ट 2 जरूरी है. युवा शक्ति बिहार में जरूरी है. हर व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती लेकिन बिहार के युवाओं को ऐसी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. जिससे उनको काम मिल सके. संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई होगी.