PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुए शिलान्यास अभियान को करारा झटका लगा है. चार दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दिया है. नीतीश ने पटना कलेक्ट्रेट बिल्डिंग को गिरा कर नया भवन बनाने का काम शुरू करवाया था लेकिन कोर्ट ने फिलहाल इसे रोक दिया है.
गौरतलब है कि 16 सितंबर को नीतीश कुमार ने पटना के कलेक्ट्रेट भवन की नयी बिल्डिंग का शिलान्यास किया था. सरकार ने तय किया है कि अंग्रेजों के समय बने पटना कलेक्ट्रेट को तोड़ कर नया भवन बनाया जाये, नीतीश कुमार ने उसका ही शिलान्यास किया था. इस मौके पर उन्होंने कलेक्ट्रेट भवन को हेरिटेज बिल्डिंग बता कर उसे तोड़ने का विरोध करने वालों को जमकर खरी खोटी भी सुनायी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि फिलहाल पटना का कलेक्ट्रेट भवन नहीं तोड़ा जाएगा और उसकी जगह नया भवन नहीं बनेगा. पटना के नये कलेक्ट्रेट बिल्डिंग को दो साल में पूरा करने का भी लक्ष्य था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
दरअसल पिछले एक साल से ये विवाद चल रहा है कि कलेक्ट्रेट हेरिटेज बिल्डिंग है या नहीं. एक साल पहले पटना कलेक्ट्रेट को तोड़ने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग ने एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने ये जांच की थी कि कलेक्ट्रेट बिल्डिंग हेरिटेज है या नहीं. सरकार की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कलेक्ट्रेट बिल्डिंग के हेरिटेज होने के दावे को खारिज कर दिया था. उसी रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने पुराने भवन को तोड़ कर नयी बिल्डिंग बनाने की मंजूरी दे दी थी. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ इनटैक्ट नाम की संस्था सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कलेक्ट्रेट बिल्डिंग को तोड़ने पर रोक लगाने की गुहार लगायी गयी. याचिका के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पुराने भवन को तोडने पर रोक लगा दी है. लेकिन मामले की आगे सुनवाई होगी. कोर्ट के फैसले के बाद ही तय होगा कि पटना कलेक्ट्रेट का नया भवन बनेगा या नहीं.