PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जन्मदिन पर एक ओर जेडीयू कार्यकर्ताओं द्वारा विकास दिवस मनाया जा रहा है तो वहीं हड़ताली मोड़ के पास धोबी घाट बचाव संघर्ष समिति ने आज धरना प्रदर्शन किया है. धोबी संघ ने पहले ही ऐलान किया था कि अगर उनकी बात नहीं मानी जाएगी तो वह हड़ताल पर चले जायेंगे. दरअसल, धोबी संघ धोबी घाटों के जीर्णोधार की मांग कर रहे हैं. हड़ताली मोड़ के पास कपड़ा फेंककर धोबी संघ प्रदर्शन कर रहे हैं.
पटना जिला रजक समिति के द्वारा "धोबी घाट बचाव संघर्ष समिति" के बैनर तले धोबी घाट सरकार द्वारा तोड़े जाने के विरोध में पूर्व मंत्री व राष्ट्रीय महासचिव व एबीडीएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम रजक सहित सैकड़ों की संख्या में धोबी समाज के लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.
धोबी संघ ने बताया कि बुद्धा कॉलोनी का धोबी घाट 1914 में ब्रिटिश शासन काल में बना है. यहां दस हजार धोबी रोज कपड़ा धुलते हैं और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं और अब पुल निर्माण निगम के द्वारा यह धोबी घाट तोड़ा जा रहा है. इससे परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस धोबी घाट को छोड़कर जैसे भी पुल बनाना हो बनाइए.
विकास दिवस पर कहा कि आज विकास दिवस नहीं धोबी का मरण दिवस है. विकास होता तो आज हम लोग रोड पर नहीं बैठे होते. पाठ निर्माण विभाग धोबी घाट को बचाए नहीं तो आज एक दिन का धरना किये हैं, मांग नहीं मानी गई तो विधानसभा का घेराव करेंगे. मांग नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन तक विधायक, मंत्री, सांसद और समाज के लोगों का कपड़ा नहीं धुलेंगे.
धोबी संघ ने बताया कि 2007 में सीएम नीतीश कुमार ने मूर्ति का अनावरण किया था. उस समय तत्कालीन राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, श्याम राजक के सामने कहे थे कि धोबी घाट का जीर्णोधार करेंगे और आज अपने जन्मदिन पर ही इसे तुड़वा रहे हैं. धोबी घाट के पेट पर बुलडोजर चला रहे हैं. यही विकास है. उनका कहना है कि नीतीश कुमार के विकास को हम नहीं मानते.