PATNA : कभी बिहार का उप मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश कुमार को सबसे पहले पीएम मटेरियल बनाने वाले सुशील कुमार मोदी ने अब इस मामले पर चुप्पी साध ली है. साल 2012 में सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को सबसे पहले पीएम मैटेरियल बताया था. तब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं थे और केंद्र में यूपीए की सरकार थी. बाद में 2013 के अंदर जब नरेंद्र मोदी को पीएम का उम्मीदवार बनाया गया तो नीतीश कुमार ने बीजेपी से रिश्ता तोड़ लिया था. इसके बावजूद कई मौकों पर सुशील मोदी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताते रहे. लेकिन अब सुशील मोदी केंद्र की राजनीति में है और उनका रुख भी पहले से बदल चुका है.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी से आज यह सवाल हुआ कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल हैं. तो सुशील मोदी ने हाथ खड़े कर दिए. सुशील मोदी से दो बार मीडिया ने यह सवाल किया लेकिन दोनों बार उन्होंने केवल इतना कहा है कि वह इस मामले पर कुछ नहीं बोलेंगे.
आपको बता दें कि सुशील मोदी कभी नीतीश कुमार के बेहद खास माने जाते थे. जेडीयू ने पिछले दिनों नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताते हुए प्रस्ताव पारित किया था. ऐसे में सुशील मोदी नीतीश को पीएम मैटेरियल बताने से कैसे किनारा कर सकते थे. लिहाजा उन्होंने इस सवाल पर चुप रहना ही मुनासिब समझा. एक तरफ बीजेपी के नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं.
इसके अलावा सुशिल मोदी ने बीजेपी के ओबीसी मोर्चा की होने वाली बैठक को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अगले महीने 4 और 5 सितंबर को बिहार के खगड़िया में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा की दो दिवसीय बैठक होने वाली है. देश में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को जनसंघ और बीजेपी के शासनकाल में ही लाभ मिला है.
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र में अभी नरेंद्र मोदी की सरकार है. नीट में ओबीसी के छात्रों को नरेंद्र मोदी की सरकार ने आरक्षण देने का एलान किया. सरकार के इस फैसले के बाद ओबीसी वर्ग से आने वाले छात्रों को लाभ मिलेगा.