नीतीश को पागलखाना भेजने की तैयारी में लगे हैं तेजस्वी, बोली निवेदिता सिंह..सत्ता की चिंता उन्हें सता रही है

नीतीश को पागलखाना भेजने की तैयारी में लगे हैं तेजस्वी, बोली निवेदिता सिंह..सत्ता की चिंता उन्हें सता रही है

PATNA: पटना स्थित BJP प्रदेश कार्यालय में महिला विधायक और विधान पार्षद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान भाजपा की महिला विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। बीजेपी एमएलसी निवेदिता सिंह ने कहा कि यह सबसे अशोभनीय क्षण था और संविधान में संसदीय कार्यप्रणाली का वो काला दिन के रूप में जाना जाएगा। 


कल बिहारकी जनता के लिए बहुत बड़ा दिन था जब सामाजिक और आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट जारी की गयी थी। हमलोग अच्छे वातावरण में सर्वे रिपोर्ट की चर्चा कर रहे थे तभी मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया कि सभी शर्मसार हो गये। उनके इस बयान से बिहार ही नहीं देशभर की महिलाएं शर्मसार हुईं है। 


बीजेपी एमएलसी निवेदिता सिंह ने कहा कि उनके इस बयान से सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुष भी शर्मसार हुआ है क्योंकि नीतीश जी पुरुषों की बात कर रहे थे और इस दौरान महिला सदस्य मेज के नीचे अपना सिर छिपाकर बैठी थी। जब सीएम यह बात कह रहे थे तब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इसका पुरजोर विरोध किया था लेकिन इसके बावजूद वो नहीं रूके फिर वही बात दोहराने लगे। बोलेने लगे बैठिये-बैठिये मैं समझा रहा हूं ना। 


बीजेपी एमएलसी निवेदिता सिंह ने आगे कहा कि इस तरह का पागल मुख्यमंत्री बिहार को मिल गया है। संगत से गुण होत है संगत से गुण जात। जिस नन मैट्रिक के संगत में नीतीश कुमार पड़े है उसी का असर आज उनके दिमाग पर पड़ता दिख रहा है। सीएम नीतीश एक इंजीनियर थे और जब तक वे भाजपा के साथ थे कभी उन्होंने असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया था लेकिन जिस तरह से उन्होंने कल पूरे विधानसभा और परिषद के मर्यादा को तार-तार करके रख दिया है।


 ऐसा काला दिन अब राजनीति के इतिहास से मुख्यमंत्री के जीवनकाल में नहीं आने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सूर्यास्त का समय हो चुका है वे मेंटली डिरेल हो चुके है उनका मानसिक संतुलन सही नहीं है। वे मानसिक और दिवालिया घोषित हो चुके है। माफी से कुछ भी होने वाला नहीं है। राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गलती से बोल गये हैं गलती से बोलने एक बार होता है बार बार नहीं होता है तेजस्वी को अब इतनी ही चिंता सता रही है कि कैसे मुख्यमंत्री पागल घोषित हो जाए और पागलखाने जाए और मुझे कैसे सत्ता मिल जाए इसी की तैयारी में तेजस्वी यादव लगे हुए है। इतना बड़ा विकास पुरुष इतनी बुरी हाल में राजनीति से सन्यास लेगा ये बिहार के इतिहास में नहीं होने वाला था।