PATNA: कुशवाहा को लेकर जेडीयू में मचे घमासान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थोड़ी सी सख्ती क्या दिखाई उपेंद्र कुशवाहा बैकफुट पर आ गए। कल तक जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठा रहे उपेंद्र कुशवाहा ने आज यूटर्न ले लिया और खुद को नीतीश का सबसे बड़ा हिमायती बता दिया।उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश हो रही है।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को क्या कुछ नहीं कहा गया लेकिन वे मजबूती से नीतीश के साथ खड़े रहे। इस दौरान कुशवाहा ने कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि गठबंधन करते हुए जेडीयू और आरजेडी के बीच कौन सी डील हुई थी।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष का मामला नहीं है बल्कि कर्पूरी ठाकुर के अरमानों को बचाने का मामला है। जेडीयू कमजोर हो रही है, यह बात लगातार कहते आ रहे हैं। हाल के दिनों में मुख्यमंत्री के ऊपर जो प्रहार हुआ, तब तब उनके साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि गलत टिप्पणी करने वालों से हाथ जोड़कर विनती है कि उन्हें जितनी गाली देनी है मुझे दे लें लेकिन जेडीयू को बर्बाद होते हुए उपेंद्र कुशवाहा नहीं देख सकता है। बड़ा सवाल है कि जब जब नीतीश कुमार पर प्रहार हुआ तो केवल उपेंद्र कुशवाहा ही क्यों अन्य लोग क्यों खड़ा नहीं हुए।
उन्होंने बिहार में नया गठबंधन बना तो नीतीश कुमार के बारे में क्या क्या नहीं कहा गया। जिस वक्त उनके खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे जा रहे थे तब बाकी लोग नीतीश कुमार के साथ क्यों खड़ा नहीं हुए। जब नीतीश कुमार के बारे में कोई कुछ कहेगा तो उपेंद्र कुशवाहा का दर्ज जरूर छलकेगा। नीतीश कुमार को शिखंडी, भीखारी और बेशर्मी कहा गया तो केवल उपेंद्र कुशवाहा खड़ा होता है, दूसरे लोग क्यों नहीं खड़ा होते हैं। अगर उपेंद्र कुशवाहा नहीं खड़ा हुआ होता तो आरजेडी ने सुधाकर सिंह को नोटिस जारी नहीं किया होता। जब जेडीयू आरजेडी के विलय की बात हो रही थी तो जनता दल यूनाइडेट के किसी नेता ने आवाज नहीं उठाई।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आरजेडी की तरफ से बार बार यह बात कही जा रही है कि गठबंधन के समय डील हुआ है। जेडीयू और आरजेडी के बीच क्या डील हुआ है हम भी उसे जानना चाहते हैं। राष्ट्रीय जनता दल के लोग जिस तरह की बात कह रहे हैं वह सीधे तौर पर नीतीश कुमार को खारीज करने के समान है।नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के पद से हटाकर आखिर ये लोग क्या करना चाह रहे हैं, यह वही बता सकते हैं। दोनों दलों के च अगर कोई डील हुई है तो उसका खुलासा होना चाहिए। जो लोग इस डील में शामिल थे उन्हें बताना चाहिए कि आखिर कैसी डील हुई है।
कुशवाहा ने कहा कि उनके खिलाफ जो साजिश की जा रही है वह उनके नहीं बल्कि नीतीश कुमार के खिलाफ हो रही है। उपेंद्र कुशवाहा को दरकिनार करने का मतलब है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कमजोर करना है। नीतीश कुमार पर प्रहार करने वाले लोगों को यह कतई बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा उन प्रहारों को रोक लेता है। ऐसे लोगों के लिए उपेंद्र कुशवाहा बाधक बना हुआ है जो नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। नीतीश कुमार की को मजबूती देने के लिए हमने जेडीयू के साथ मर्जर किया था। बता दें कि अपने पूरे प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कुशवाहा खुद को नीतीश कुमार का सबसे बड़ा शुभचिंतक बताते रहे। कुशवाहा ने खुले तौर पर तो किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका सीधा इशारा जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की तरफ था।