बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 PURNEA: विद्या विहार आवासीय विद्यालय में जश्न का माहौल, CBSE की 12वीं परीक्षा में शानदार प्रदर्शन
1st Bihar Published by: Updated Sun, 06 Nov 2022 07:19:01 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : कृषि मंत्री के पद पर रहते हुए सुधाकर सिंह ने जब विभागीय कामकाज की आलोचना की थी और अपने ही विभाग के अधिकारियों को चोर बता डाला था तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हो गए थे। नीतीश कुमार सुधाकर सिंह की उस बात को लेकर खफा हुए जिसमें उन्होंने खुद को चोरों का सरदार बताया था। सुधाकर सिंह कृषि मंत्री रहते हुए विभाग के अधिकारियों की असलियत जान गए थे और इसीलिए उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसकी आलोचना की थी, लेकिन नीतीश कुमार को यह आलोचना पसंद नहीं आई। नतीजा यह हुआ कि पहले कैबिनेट की बैठक में उनकी सुधाकर सिंह से बहस हुई और फिर बाद में सुधाकर सिंह के इस्तीफे के साथ इस कहानी का अंत हुआ। लेकिन अब कृषि विभाग के अधिकारियों के निकम्मेपन की जो कहानी सामने आ रही है, वह दरअसल किसी और ने नहीं बल्कि राज्य के विकास आयुक्त ने पकड़ी है।
कृषि विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान राज्य के विकास आयुक्त ने गहरी नाराजगी जताई है। विकास आयुक्त का मानना है कि राज्य में 10 ऐसी योजनाएं हैं जो कृषि विभाग से जुड़ी हैं और जिनपर प्रगति बेहद शिथिल देखी जा रही है। इस लचर कार्यप्रणाली को लेकर उन्होंने विभाग के अधिकारियों से अपनी नाराजगी जताई है। कृषि विभाग की समीक्षा योजना के दौरान विकास आयुक्त ने कृषि विभाग के सचिव और चारों निदेशकों से विभागीय कार्य की समीक्षा करने, योजनाओं की स्थिति जाने और प्रोजेक्ट प्लानिंग एंड मॉनिटरिंग को लेकर पूरी रिपोर्ट तलब की है। कृषि सचिव अब हर सप्ताह दो दिन की बजाय एक दिन यानी हर सोमवार को योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावे सभी निदेशकों को हर शुक्रवार को पीपीएम निदेशक को रिपोर्ट भेजने का निर्देश भी दिया गया है। विकास आयुक्त ने कृषि सचिव से इस मामले में सख्ती बरतने को भी कहा है।
कृषि विभाग के कार्य प्रणाली को लेकर राज्य के विकास आयुक्त ने जिस तरह नाराजगी जताई है, वह इस बात का भी संकेत माना जा रहा है कि विभागीय मंत्री होते हुए सुधाकर सिंह ने अंदर की हालत समझ ली थी। कृषि मंत्री के तौर पर उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया था कि अधिकारी किस तरह लापरवाही कर रहे हैं। सरकार जिन योजनाओं को किसानों के हितों के लिए तैयार करती है उसे कैसे ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। इन बातों को मुखर होकर सुधाकर सिंह ने खुले मंच से कहा लेकिन नीतीश कुमार अपनी सरकार की कार्यशैली की आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पाए। सुधाकर सिंह का इस्तीफा भले ही करा दिया गया लेकिन आज उनकी ही कही बात पर राज्य के विकास आयुक्त आगे बढ़ रहे हैं और कृषि विभाग के अधिकारियों का निकम्मापन उजागर हो रहा है।