PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की जनसभा में ही उनकी पार्टी में छिड़ा घमासान नंगा हो कर सामने आ गया. सिवान के दरौंदा में नीतीश के सामने ही जेडीयू के विधायक श्याम बहादुर सिंह ने खुले मंच से पार्टी की सांसद कविता सिंह को ललकारा. श्याम बहादुर बोले-औकात है तो इस्तीफा देकर चुनाव लड़ लें, हम भी रिजाइन करके चुनाव लडेंगे. कविता सिंह की औकात पता चल जायेगी.
मंच पर नीतीश-रविशंकर थे मौजूद
सिवान के दरौंदा में गुरूवार को नीतीश कुमार जनसभा करने पहुंचे थे. उनके साथ नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे. ऐसी जनसभाओं में पहले स्थानीय नेता बोलते हैं और बाद में बड़े नेता. लेकिन जेडीयू के विधायक श्याम बहादुर सिंह को खास मौका दिया गया. रविशंकर प्रसाद के बोलने के बाद श्याम बहादुर सिंह को भाषण देने के लिए बुलाया गया. मंच पर बैठे नेताओं ने जिस मकसद से श्याम बहादुर सिंह को बोलने का मौका दिया था, उन्होंने उसे पूरा कर दिया.
कविता सिंह के बता देब औकात
भाषण शुरू करते ही श्याम बहादुर सिंह बोले- “अजय सिंह दागी रहले ह दागी. पितरपक्ष में बियाह भईल. हमर साहब(नीतीश कुमार) टिकट दीहलन. लेकिन एकरा बाद भी नइखे बुझात तक दुर्भाग्य बा. अजय सिंह बहुत हाथ-पैर मार रहल बाड़. मोदी जी के नाम रहे त हाड़ में हरदी लाग गइल मलकिनी के. आज चुनाव हो जाये त हम कह तानी सीना ठोंक के कि जै बजके जै मिनट पर ताहरा हिम्मत बा त रिजाइनेशन हम दे तानि, कविता जी दे देस और हमरा से लड ले. बुझा जाई औकात.”
मुस्कुराते रहे नीतीश कुमार
बीच सभा में अपनी सांसद को औकात बता रहे विधायक का भाषण सुनकर भी नीतीश कुमार मुस्कुरा रहे थे. जाहिर है उन्हें श्याम बहादुर सिंह के भाषण के कोई एतराज नहीं था. सवाल ये है कि ये माजरा क्या है. दरअसल कविता सिंह सिवान से जेडीयू की सांसद हैं. उनके पति अजय सिंह हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं. पिछले चुनाव में अजय सिंह को जेडीयू ने दरौंदा से टिकट दिया था. लेकिन वे हार गये. इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला लिहाजा वे एनडीए का विरोध कर रहे हैं.
हालांकि अजय सिंह नीतीश कुमार की संरक्षण में ही अपनी मां और फिर पत्नी को विधायक और सांसद बनवाते रहे हैं. अजय सिंह की मां जगमातो देवी विधायक हुआ करती थीं. उनका आकस्मिक निधन हुआ तो उप चुनाव की स्थिति आ गयी. नीतीश कुमार ने अजय सिंह को कहा कि चूंकि उन पर दर्जनों केस है इसलिए वे उन्हें टिकट नहीं दे सकते. अजय सिंह अपने किसी संबंधी को टिकट दिलवा दें.
अजय सिंह ने उप चुनाव की घोषणा के बाद पितृपक्ष में ही शादी कर ली. हिन्दू रीति रिवाज के मुताबिक पितृपक्ष में कोई शुभ कार्य नहीं किया जा सकता. लेकिन अजय सिंह ने पितृपक्ष में शादी की और फिर उनकी पत्नी को जेडीयू ने विधायक का टिकट दे दिया. कविता सिंह विधायक बन गयीं. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें सिवान से जेडीयू का उम्मीदवार बनाया गया और वे सांसद बन गयीं. उनके सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट पर अजय सिंह को उम्मीदवार बनाया गया लेकिन वे बुरी तरह चुनाव हारे.
इस बार फिर से अजय सिंह टिकट के दावेदार थे लेकिन टिकट नहीं मिला और ये सीट बीजेपी के कोटे में चली गयी. लिहाजा अजय सिंह खुला विरोध करने में लगे हैं. दरौंदा में नीतीश की सभा में इसी कारण अजय सिंह और कविता सिंह को औकात बतायी गयी. औकात बताने वाले विधायक श्याम बहादुर सिंह के रंगीले किस्से आम हैं. हालांकि वे नीतीश कुमार के खास माने जाते हैं लिहाजा उनके सारे गुनाह माफ भी हो जाते हैं.