नीतीश के नेतृत्व में आज पीएम मोदी से मिलेगा बिहार का डेलीगेशन, जातीय जनगणना पर तेजस्वी भी साथ

नीतीश के नेतृत्व में आज पीएम मोदी से मिलेगा बिहार का डेलीगेशन, जातीय जनगणना पर तेजस्वी भी साथ

PATNA : जातीय जनगणना की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सभी राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज मुलाकात करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से बिहार के प्रतिनिधिमंडल को आज सुबह 11 बजे मुलाकात का वक्त दिया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, जनता दल यूनाइटेड से बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, बीजेपी से मंत्री जनक राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, सीपीआई माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, एआईएमआईएम विधायक दल के नेता अख्तरुल इमान, हम विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी के अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी, सीपीआई विधायक दल के नेता सूर्यकांत पासवान और सीपीएम विधायक दल के नेता अजय कुमार इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहेंगे। प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार की शाम पटना से दिल्ली रवाना हो गए थे। उधर तेजस्वी यादव पहले से ही दिल्ली में मौजूद है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार के सामने बिहार का प्रतिनिधिमंडल मजबूती से अपनी बात रखेगा। हम जातीय जनगणना हर हाल में चाहते हैं राज्य सरकार के पास भी अपना विकल्प खुला हुआ है। 


आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जातीय जनगणना के मसले पर पत्र लिखा था। उन्होंने 3 अगस्त को पीएम मोदी को पत्र लिखा था। प्रधानमंत्री ने इसी पत्र के बाद बिहार के प्रतिनिधि मंडल को मुलाकात का वक्त दिया है। जातीय जनगणना के मसले पर बिहार विधानसभा दो दफे प्रस्ताव पारित कर चुका है। 18 फरवरी 2019 और 27 फरवरी 2020 को विधानमंडल सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था और जातीय जनगणना की आवश्यकता बताई थी। 



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जातीय जनगणना पर बिहार में सत्ता और विपक्ष के एक साथ है। सभी दलों ने सहमति जताई है। मेरे साथ से 10 पार्टियों के नेता दिल्ली जा रहे हैं। हम लोग अपनी बात प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर सकारात्मक रुख अपनाएंगे। नीतीश कुमार ने यह भी साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार अगर जातीय जनगणना के लिए तैयार नहीं हुई तो राज्य सरकार इसपर विचार करेगी।