NALANDA: जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर छिड़ा संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी में पद पर रहते हुए उपेंद्र कुशवाहा लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर हमलावर बने हुए हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने आज साफ कर दिया कि बिना हिस्सा लिए कहीं नहीं जाने वाले हैं। उपेंद्र कुशवाहा के यह कहने पर कि संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर नीतीश कुमार ने उन्हें झुनझुना थमाने का काम किया है, इसपर मंत्री श्रवण कुमार ने जोरदार हमला बोला है। मंत्री ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद झुनझुना लगता है तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए और राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए। पद का सारा फायदा उठाने के बाद अब कह रहे हैं कि झुनझुना थमाया गया।
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि राजनीतिक और सामाजिक जीवन में किसी को कोई भी पद मिलता है वह काफी अहम होता है। उपेंद्र कुशवाहा को चाहे कार्यकर्ता का तगमा मिले या सांसद और विधायक का पद मिले, सभी पद अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। राजनीतिक जीवन में जनता की सेवा और उसकी खिदमत करने के लिए ये पद अहम होते हैं लेकिन जिनको यह लगता है कि ये पद झुनझुना है तो उनको अपने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए। उपेंद्र कुशवाहा को पहले तो इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए और अगर उन्हें लगता है कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद झुनझुना है तो उन्हें उसका परित्याग कर देना चाहिए।
श्रवण कुमार ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था तब तो उन्हें इस बात की काफी खुशी हुई थी। लंबे समय तक उस पद पर बने रहे और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर सारे फायदे उठा लिए तब कहते हैं कि झुनझुना है, जो बहुत ही हास्यास्पद है। उपेंद्र कुशवाहा को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। किसी भी पार्टी में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण और जवाबदेही वाला पद होता है। यह पद मर्यादा का पद होता है लेकिन जब इस पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह की ओछी टिप्पणी करे तो यह कही से भी ठीक नहीं है।