MADHUBANI : नीतीश कुमार के कानून के राज के दावों पर खुद उनकी पार्टी और गठबंधन के नेताओं-कार्यकर्ताओं को भी भरोसा नहीं है. मधुबनी में बेलगाम अपराध और पुलिस अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जेडीयू के साथ साथ बीजेपी और एलजेपी के नेता-कार्यकर्ता रोड पर उतर आये हैं.
मधुबनी में बेलगाम अपराध
मधुबनी के जयनगर अनुमंडल कार्यालय के सामने आज जेडीयू-बीजेपी और एलजेपी के नेता और कार्यकर्ता धरना पर बैठ गये. उनका आरोप था कि जयनगर थाने ने लूट की इंतिहा कर रखी है. तीन दलितों की हत्या हो चुकी है और पुलिस हत्यारों से सांठगांठ कर चैन की बंशी बजा रही है.
एनडीए कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जयनगर थाने में पदस्थापित पुलिस अधिकारियों की संपत्ति में बेतहाशा इजाफा हुआ है. जयनगर थानेदार का अपराधियों, भू-माफिया एवं शराब माफिया से सांठगांठ है जिसकी जांच होनी चाहिए. इस बारे में एसपी को भी जानकारी दी गयी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. धरना में शामिल बीजेपी के पूर्व विधायक अरूण शंकर प्रसाद ने कहा कि थानेदार माफियाओं के अलावा किसी की बात सुनते ही नहीं हैं. आलाधिकारियों को सूचना देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जाहिर है सांठगांठ उपर तक है.
धरना में शामिल एनडीए के जयनगर अनुमंडल संयोजक कैलाश पासवान ने बताया कि जयनगर में पदस्थापित थानेदार पर पहले भी कई गंभीर आरोप लगे हैं. लेकिन फिर भी उन्हें मलाईदार पोस्टिंग दी गयी. जयनगर आने के बाद उनकी सम्पति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. हालांकि धरना में शामिल पूर्व एमएलसी विनोद सिंह ने कहा यह सुशासन का राज है यहाँ भ्रष्ट आईएएस आईपीएस भी जेल गए है यहाँ भ्रष्टाचार बर्दाश्त नही किया जाएगा.
मधुबनी में एनडीए कार्यकर्ताओं के आंदोलन ने नीतीश कुमार के कानून के राज, सुशासन के दावों के साथ साथ अपने पार्टी के नेताओं से फीडबैक लेने की कवायद की पोल खोल दी है. जेडीयू के साथ साथ बीजेपी और एलजेपी के नेता पुलिस के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा दिखा रहे हैं. लेकिन उनका नोटिस लेने वाला कोई नहीं है.