नीतीश के कायल हुए सम्राट चौधरी ! 24 मिनट में 29 बार लिया CM का नाम, कहा - लालू-राबड़ी के मुकाबले हमने दी 7 गुना अधिक नौकरी

नीतीश के कायल हुए सम्राट चौधरी ! 24 मिनट में 29 बार लिया CM का नाम, कहा - लालू-राबड़ी के मुकाबले हमने दी 7 गुना अधिक नौकरी

PATNA : वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने अपने 24 मिनट के बजट भाषण में 29 बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र किया। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए अलग-अलग 13 संबोधनों का इस्तेमाल किया। सम्राट ने उनके लिए आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, मुख्यमंत्री आदरणीय नीतीश कुमार जी, आदरणीय नीतीश कुमार जी, मुख्यमंत्री आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी, माननीय मुख्यमंत्री जी, आदरणीय मुख्यमंत्री जी, नीतीश कुमार जी, नीतीश बाबू, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, आदरणीय मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री जी, आदरणीय नीतीश कुमार जी, आदरणीय नीतीश कुमार जी जैसे संबोधन शामिल हैं।


वहीं, सम्राट चौधरी ने राजद को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में नौकरी देने का श्रेय कोई दूसरा नहीं ले सकता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2005 से 2020 के दौरान 7.50 लाख लोगों को नौकरी दी, जबकि लालू प्रसाद व उनके परिवार के शासनकाल में 1990 से 2005 के दौरान एक लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मिली। अपने शासनकाल में तो इन्होंने नौकरी दी नहीं और आज श्रेय लेना चाहते हैं। चौधरी ने कहा कि विकास से राजद और महागठबंधन का दूर-दूर तक नाता नहीं है।


सम्राट चौधरी ने कहा कि कभी बिहार के हालात ऐसे थे, जब मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग से अपराधियों को संरक्षण मिलता था। वहां से बैठकर वसूली होती थी। नीतीश कुमार ने इन सबको बदल दिया। आज कानून का राज है। इससे पहले यह काम  कौन कर रहा था यह सब को पता है। लेकिन, जब से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे हैं इन सबको बदला दिया है। अभी एक नेता के ऑफिशियल एक्स हैंडल पर कहा गया था कि 17 जदयू विधायक गायब हो गया है। ऐसे लोग बिहार में गुडों के प्रतीक हैं।  ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिस पार्टी के नेता राम को काल्पनिक मानते हों,उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। 


सम्राट ने कहा कि  पहले गंगा पार करने के लिए एक ही पुल था और जाम के कारण पार करने में घंटों लग जाते थे। आज गंगा पर बक्सर से साहेबगंज के बीच करीब एक दर्जन पुल बन रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य न्याय के साथ विकास के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है।  राज्य की स्थिति बदली है। बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण राज्य का राजकोषीय घाटा केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 3% के अंदर रहने की संभावना है। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट 16 हजार करोड़ अधिक है।  वर्ष 2023-24 का बजट 2.61 लाख करोड़ का है, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट बढ़कर 2.78 लाख करोड़ हो गया है। 


उधर, सम्राट चौधरी सोमवार को विधानसभा में बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे। विपक्ष के वॉकआउट के बीच सदन ने 2.78 लाख करोड़ का बजट ध्वनिमत से पास किया। विधानसभा में बजट पर सरकार के उत्तर के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। उधर विधान परिषद में भी बजट पर वाद-विवाद हुआ और इस दौरान भी परिषद में मुख्यमंत्री उपस्थित रहे। विधानसभा में बजट पर वाद-विवाद में सदस्य सतीश कुमार दास, तारकिशोर प्रसाद,संतोष कुमार, सूर्यकांत पासवान,राजकुमार सिंह,अख्तरुल साहीन, जीवेश मिश्र,प्रफूल कुमार मांझी,अख्तरुल इमाम और अजय कुमार ने भी अपनी बातें रखी।