अति पिछड़ों के लिए नीतीश सरकार की तेज रफ्तार, CM के एलान के 3 दिन बाद ही कैबिनेट से पास हो गयी 10 लाख देने की योजना

अति पिछड़ों के लिए नीतीश सरकार की तेज रफ्तार, CM के एलान के 3 दिन बाद ही कैबिनेट से पास हो गयी 10 लाख देने की योजना

PATNA: चुनावी साल में वोट बैंक के लिए बेचैन नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की चाल बदलवा दी. अहम से अहम मामलों की फाइल महीनों दबाये रखने के लिए कुख्यात नीतीश सरकार ने अति पिछड़ा उद्मी योजना को CM की घोषणा के तीन दिन बाद ही कैबिनेट से भी पास करा दिया. नीतीश कैबिनेट ने आज अति पिछड़ा उद्मी योजना को मंजूरी दे दी. अब अति पिछड़ा तबके के लोगों को सरकार रोजगार के लिए दस लाख रूपये देगी.

10 लाख के कर्ज में पांच लाख का अनुदान

24 फरवरी को स्व. कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों के लिए इस योजना का एलान किया था. नीतीश कुमार ने घोषणा किया था कि सरकार इस तबके के युवाओं को रोजगार के लिए दस लाख रूपये देगी. इसमें पांच लाख रूपये का अनुदान होगा. यानि सरकार से पैसे लेने वालों को सिर्फ 5 लाख रूपये लौटाना होगा वो भी बिना ब्याज के. कैबिनेट ने इस योजना के लिए 102 करोड़ रूपये का आवंटन भी कर दिया. 

नीतीश कुमार ने इससे पहले अनुसूचित जाति के लिए भी ऐसी ही योजना चला रखी है. इस तबके के युवाओं तो सरकार की ओर से 10 लाख रूपये दिये जा रहे हैं. जिसमें से 5 लाख रूपये बगैर ब्याज के लौटाना है. अब अति पिछड़े तबके के लोगों को उसी तरह से लाभ दिया जायेगा.

चुनावी साल में जिन्न पर नीतीश की नजर

दरअसल नीतीश सरकार में इतनी तेजी चुनाव को लेकर आयी है. इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और नीतीश की नजर उस वोट बैंक पर है जिसे जिन्न कहा जाता है. 1995 में जब लालू यादव ने चुनाव जीता था तो उन्होंने कहा था कि बैलेट बॉक्स से जिन्न निकला है. ये जिन्न अति पिछड़ों का वोट था. 2005 में यही वोट बैंक अलग हुआ तो लालू सत्ता से बेदखल हो गये. नीतीश कुमार इस वोट बैंक को किसी हाल में खोना नहीं चाहते. लिहाजा आनन फानन में उनके लिए योजना लायी गयी.