नीतीश के दावों को कैमुर के ग्रामीणों ने दिखाया आइना: चंदा इकट्ठा कर नदी पर बनाया पुल, कई गांवों तक पहुंचेगी गाड़ी

नीतीश के दावों को कैमुर के ग्रामीणों ने दिखाया आइना: चंदा इकट्ठा कर नदी पर बनाया पुल, कई गांवों तक पहुंचेगी गाड़ी

KAIMUR: बिहार के हर गांव-टोले को पक्की सड़क से जोड़ देने के दावे कर रहे नीतीश कुमार को कैमुर जिले के ग्रामीणों ने आइना दिखाया है. कैमुर के एक गांव के लोग अपने घर पर गाड़ी पहुंचने का जमाने से इंतजार कर रहे थे. सरकार के पास लगायी गयी हर गुहार फेल हुई तो ग्रामीणों ने खुद अपनी मुसीबत दूर करने का संकल्प लिया. आपस में चंदा इकट्ठा कर सामान मंगवाया औऱ फिर श्रमदान कर पुल तैयार कर लिया.


कैमुर जिले के रामपुर प्रखंड के निसिझा गांव के लोगों ने ये कारनामा कर दिखाया है. उन्होंने अपने गांव के पास से गुजरने वाली दुर्गावती नदी में अपने बूते पुल तैयार कर दिया है. एक पुल बन जाने से कैमुर के रामपुर प्रखंड के निसिझा, पाली, रामपुर, झलखोरा, भलुहां, मझिगांव समेत कई गांवों के करीब छह हजार लोगों को आने-जाने की सुविधा मिल गयी.


ग्रामीणों ने फर्स्ट बिहार को बताया कि उनके गांव के पास से गुजरने वाली दुर्गावती नदी में पुल नहीं था. पानी से ही होकर बाजार, अस्पताल और दूसरे अन्य जरूरी काम के लिए आना-जाना पड़ता था. गांव से कहीं भी आने जाने में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं, बच्चों और बूढ़े लोगों को होती थी. हालत ये थी कि गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाये तो उसे खटिया पर लादकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता था. बरसात के समय नदी का जलस्तर बढ़ जाता था तो परेशानी और बढ़ जाती थी. गांव के लोगों को करीब 7 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय कर बाजार जाना पड़ता था. 


निसिझा के ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने सांसद और विधायक से अपने गांव के पास नदी में पुलिया बनाने की गुहार लगाई थी. लेकिन नेताओं ने निसिझा के पास पुल बनाने के बजाय तेनुआं गांव के पास पुलिया बनवा दिया. इससे निसिझा गांव के लोगों को बहुत परेशानी हो गयी. इस गांव के कई सालों तक परेशानी झेलते रहे. लेकिन अब उसका रास्ता निकल गया है. 


चंदे से नदी पर बनाया पुल

निसिझा गांव के रहने वाले हरिहर सिंह ने बताया कि गांव के लोगों ने दुर्गावती नदी पर छोटी पुलिया बना देने के लिए हर दरवाजे पर गुहार लगायी. कई सालों से सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों से नदी में पुलिया निर्माण कराने की गुहार लगाई जाती रही. लेकिन किसी ने काम नहीं किया. गांव के लोग परेशान थे. हरिहर सिंह ने बताया कि पिछले महीने गांव के लोगों ने बैठक की. उसमें ये तय हुआ कि जब हमारी पीड़ा को दूर करने के लिए कोई तैयार नहीं है तो हम अपनी परेशानी को खुद दूर करेंगे. 


ग्रामीणों ने तय किया कि वे खुद दुर्गावती नदी पर पुल बनायेंगे. पुल बनाने में जो सामान लगेगा उसके लिए गांव में चंदा वसूली की जायेगी औऱ पुल बनाने के लिए ग्रामीण श्रमदान करेंगे. गांव के जिस भी व्यक्ति के ट्रैक्टर ट्रॉली, फड़वा, कुदाल जैसा सामान होगा वह उससे मदद करेगा. 


ग्रामीण प्रमोद सिंह ने बताया कि चंदा इकट्ठा करने के लिए एक-एक दरवाजे पर गए. कुछ लोगों ने खुद ही सहयोग राशि भिजवा दी. किसी ने 2 हजार तो किसी ने 10 हजार रुपए देकर पुलिया बनाने में मदद की.  ग्रामीणों ने चंदा से 4 लाख रुपए इकट्ठा कर लिए. पुलिया निर्माण कराने के लिए 10 ह्यूम पाइप की खरीदारी की गई. कई टेलर ईट के टुकड़े मंगाए गए. फिर सभी ग्रामीण पुलिया के निर्माण में जुट गए और कुछ ही दिनों में इसे तैयार कर लिया. अब गांव के लोग बिना किसी परेशानी के इस पुलिया से आ-जा रहे हैं. नुआं गांव के पास बनवा दी गई पुलिया