नीतीश के बाद उनके मंत्रियों ने भी कहा..बजट के बारे में पता नहीं..बजट देखेंगे तब कुछ कहेंगे

नीतीश के बाद उनके मंत्रियों ने भी कहा..बजट के बारे में पता नहीं..बजट देखेंगे तब कुछ कहेंगे

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय बजट को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। समाधान यात्रा खत्म कर जब लौटेंगे तब इस बारे में जानेंगे। सुपौल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने यह बातें कही। वहीं पटना में जेडीयू की जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान उनके मंत्रियों ने भी यही बात दोहराई कहा कि बजट अभी देखे नहीं हैं देखेंगे तब कहेंगे। मंत्री श्रवण कुमार और सुनील कुमार ने जनसुनवाई के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान यह बातें कही। 


जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय में जन सुनवाई कार्यक्रम का आज आयोजन हुआ। हर बुधवार को होने वाले जन सुनवाई कार्यक्रम में मंत्री सुनील कुमार, मंत्री  जयंत कुमार और मंत्री श्रवण कुमार मौजूद थे। इस दौरान जनसुनवाई में आए लोगों की फरियाद सुनी गयी। मंगलवार से लेकर शुक्रवार तक होने वाले इस कार्यक्रम में हर दिन तीन मंत्री जन सुनवाई करते हैं। इस दौरान मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि भारी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर यहां आते हैं और उनकी समस्याएं सुनी जाती है। इस दौरान जब मीडिया ने आम बजट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि बजट अभी देखे नहीं है देखेंगे तब कहेंगे। बिहार के विकास के लिए हम बात रखते हैं लेकिन केंद्र सरकार में बैठे लोगों को इसमें दिलचस्पी नहीं है। डेंटिंग पेंटिंग करके बात को चलाएंगे और हमेशा चलाते रहते है। जब दो-दो करोड़ नौकरी दे रहे थे इस संबंध में पूछा गया तो कहा की जुमला था। श्रवण कुमार ने कहा कि देश में नफरत फैलाने वालों का इतिहास बंद होने वाला है। 


वहीं सुनील कुमार ने कहा कि भी कहा कि हमलोगों ने पूरे बजट को देखा तक नहीं है। पिछले बजटों को देखा जाए तो बिहार के साथ तो सौतेलेपन का व्यवहार हुआ है। हमारी मांगे विशेष राज्य का दर्जा को आज तक नहीं मानी गयी। केंद्र संचालित योजनाओं की राशि समय पर नहीं मिलता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश के नेतृत्व में महागठबंन की सरकार अपनी बलबूते पर राज्य का विकास कर रही है। 


वहीं उपेंद्र कुशवाहा पर हमला बोलते हुए श्रवण कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा बहुत बड़े नेता हैं। अभी तक इतना सम्मान शायद ही किसी नेता को मिली हो। जितना सम्मान उपेंद्र कुशवाहा को दिया गया है। श्रवण कुमार ने कहा कि पार्लियामेंट्री पद का अध्यक्ष का पद झूनझूना है तो उनसे ही पूछिये कि कौन सा ऐसा पद झुनझुना नहीं है और पावरफुल है जिस पद पर वे जाना चाहते हैं। उनकी इच्छा का भी पता लगना चाहिए। अगर उनको लगता है कि यह सब झूनझूना है तो इस देश में कौन ऐसा पद उनके लायक है। हिस्सेदारी उन्हें काफी मिला है। सम्मान मिला और बराबरी का दर्जा मिला। राष्ट्रीय अध्यक्ष का सम्मान मिलने के बाद भी कोई व्यक्ति यदि दुखी है तो उनके हिसाब से कितना सम्मान चाहिए यह उन्हें खुद बताना चाहिए।