नीतीश का सुशासन मॉडल यूपी पहुंचते ही चारो खाने चित्त, बाहुबली के लिए प्रचार में जुटे हैं बिहार के मंत्री

नीतीश का सुशासन मॉडल यूपी पहुंचते ही चारो खाने चित्त, बाहुबली के लिए प्रचार में जुटे हैं बिहार के मंत्री

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन मॉडल में ना तो क्राइम और क्रिमिनल के लिए कोई जगह है, और ना ही करप्शन के लिए. सरकार की तरफ से हर रोज इसके दावे किए जाते हैं. लेकिन नीतीश का सुशासन मॉडल बिहार की सीमा के पास होते ही चारों खाने चित हो जाता है. बात कर रहे हैं, यूपी विधानसभा चुनाव की, यहां जेडीयू ने पहले बाहुबली धनंजय सिंह को टिकट दिया, पूर्व सांसद धनंजय सिंह मल्हनी सीट से जेडीयू के उम्मीदवार बनाए गए हैं. धनंजय सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने पर जेडीयू को आलोचना झेलनी पड़ी थी लेकिन इसके बावजूद पार्टी के तमाम बड़े नेता बाहुबली धनंजय सिंह के लिए प्रचार कर रहे हैं.


बाहुबली छवि वाले धनंजय सिंह के लिए चुनाव प्रचार की कमान बिहार सरकार में शामिल जेडीयू कोटे के तीन मंत्रियों ने संभाल रखी है. बिहार के मंत्री अशोक चौधरी श्रवण कुमार और जमा खान लगातार बाहुबली धनंजय सिंह के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. धनंजय सिंह को चुनाव जिताने के लिए नीतीश सरकार के मंत्रियों ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है. अशोक चौधरी श्रवण कुमार और जमा खान लगातार विधानसभा सीट पर जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. और लोगों से नीतीश कुमार के चेहरे पर वोट मांग रहे हैं.


रविवार को धनंजय सिंह के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रमाकांत से जब सुशासन मॉडल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कह दिया कि बाहुबली कहने भर से कोई बाहुबली नहीं हो जाता, जिन्हें जनता का इतना प्यार दिया गया उसे बाहुबली कहना ठीक नहीं है. धनंजय सिंह को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था. ताज्जुब की बात यह है कि बिहार में कभी अनंत सिंह नीतीश कुमार के साथ हुआ करते थे. तब जेडीयू उन्हें बाहुबली नहीं मानता था. यही हाल फिलहाल धनंजय सिंह का है, धनंजय सिंह के साथ नीतीश कुमार की पार्टी खड़ी है. लिहाजा जेडीयू का कोई भी नेता उन्हें बाहुबली मनाने को तैयार नहीं.