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1st Bihar Published by: Updated Thu, 29 Dec 2022 05:50:19 PM IST
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PATNA: बिहार में दूसरे चरण के मतगणना के साथ ही शुक्रवार को निकाय चुनाव संपन्न हो जाएगा, हालांकि दो चरणों में हुआ निकाय चुनाव विवादों में रहा। जेडीयू ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बीजेपी के झूठ और जनता को गुमराह करने की कोशिशों पर पानी फेर दिया। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा और अनुप्रिया ने इसको लेकर बीजेपी के खिलाफ जमकर हमला बोला और कहा कि बीजेपी को पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने पूरे मामले को बीजेपी द्वारा प्रायोजित बताते हुए पूछा कि क्या अब भाजपा उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर लगाये गए रोक पर भी उतना ही हाय-तौबा मचाएगी? उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि उनका अति-पिछड़ा आरक्षण को लेकर दोहरे चरित्र का इतिहास बहुत पुराना है।
प्रवक्ताओं ने बताया कि 4 मार्च 2021 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पिछड़ा आयोग बनाकर ट्रिपल टेस्ट करवाने का निर्देश जारी हो चुका था। इसके बावजूद अक्टूबर 2021 में गुजरात के गांधीनगर में बगैर ट्रिपल टेस्ट के निकाय चुनाव करवाया गया। इसके अलावा गुजरात में ही दिसंबर 2021 में पंचायत चुनाव भी बिना ट्रिपल टेस्ट के ही कराये गए। इतना ही नहीं बिहार में भी जब सितंबर 2021 में बिना ट्रिपल टेस्ट के पंचायत चुनाव कराये गए तो उस समय भी भाजपा ने मुंह पर पट्टी बांध ली थी।
बिहार सरकार द्वारा कमीशन बनाकर 41 दिनों में रिपोर्ट सौंपने पर सवाल उठाने वाली भाजपा क्या यह बताएगी कि मध्यप्रदेश में वर्तमान विधायक एवं पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को असंवैधानिक रूप से डेडिकेटेड कमीशन का चेयरमैन बना महज दो दिनों में कोर्ट को डेडिकेटेड कमीशन की रिपोर्ट कैसे सौंप दी गई ? मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सौंपे गए रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर माननीय उच्च न्यायालय ने भी सवाल उठाये हैं।
प्रवक्ताओं ने कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने सम्बंधित समस्या देश की आजादी के बाद से ही दर्जनों बार हुई हैं। दर्जनों बार उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस बारे में हस्तक्षेप किया गया है। देश में दर्जनों पिछड़ा आयोग का गठन किया गया है और इसमें देश की जनता का करोड़ों रुपया बर्बाद हो चुका है, लेकिन आज तक इस समस्या का हल नहीं निकल पाया, क्योंकि यह सरकार पिछड़ा-अतिपिछड़ा और आरक्षण विरोधी है, इसलिए इस समस्या का समाधान नहीं निकालना चाहती।
प्रवक्ताओं ने कहा कि देश में पिछड़ों और अतिपिछड़ों के आरक्षण सम्बन्धी सभी समस्याओं का एकमात्र हल जातिगत जनगणना है। यही कारण है कि देश में बने सभी पिछड़े आयोगों ने अपने रिपोर्ट में एक स्वर में जातीय आकंड़ो की कमी को सबसे बड़ी समस्या बताया है। हमारे नेता नीतीश कुमार जी ने इस विषय को गंभीरता से समझा और कुछ ही महीनों में बिहार सफल रूप से जातिगत जनगणना करनवाले वाला देश का पहला राज्य होगा। इस तरह की जनगणना पूरे देश में होनी चाहिए, इन सम्बन्ध में नीतीश कुमार जी ने कई बार मोदी सरकार से पहले भी आग्रह किया है और आज फिर से अनुरोध कर रहे हैं कि अगर भाजपा पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी नहीं है तो अभी भी विलम्ब नहीं हुआ है, मोदी सरकार पूरे देश में जातीय जनगणना करवाने की घोषणा करे।