सावधान: बिहार से लगे नेपाल के इलाके में बन रहा है नकली रेमडेसिविर, जहरीली दवा को बिहार में ही भेजे जाने की आशंका

सावधान: बिहार से लगे नेपाल के इलाके में बन रहा है नकली रेमडेसिविर, जहरीली दवा को बिहार में ही भेजे जाने की आशंका

ARARIA : कोरोना के भीषण त्रासदी के दौर में ये खबर बेहद चिंताजनक है. बिहार से सटे नेपाल के इलाक में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार किया जा रहा है. नेपाली पुलिस ने नकली दवा तैयार करने वालों को गिरफ्तार किया है. आशंका है कि नकली दवा को बिहार भेजा जा रहा था. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना मरीज की जान ले सकता है.

नेपाल पुलिस की छापेमारी में खुलासा

बिहार से सटे नेपाली बाजार विराटनगर में नेपाल की पुलिस ने छापेमारी की थी. इस छापेमारी में नकली रेमडेसिविर बनाने के कारोबार का उदभेजन हुआ है. मौत के सौदागर बडी आसानी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार कर रहे थे. उन्होंने रेमडेसिविर का लेवल प्रिंट करा रखा था. फिर इंटीबॉयोटिक इंजेक्शन स्टासेफ की शीशी से उसका लेवल उखाड कर रेमडेसिविर का लेवल चिपका दे रहे थे. दरअसल स्टासेफ इंजेक्शन की सीसी रेमडेसिविर से मिलती जुलती है. धंधेबाज इसके सहारे ही पैसा कमा कर मौद बांट रहे थे.   

बडी संख्या में नकली दवा बरामद, कारोबारी सोनू आलम गिरफ्तार

नेपाल के मोरंग जिले की पुलिस ने विराटनगर में छापेमारी कर मौत के इस कारोबार को पकडा है. मोरंग के एसपी संतोष खडका ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी विराटनगर में नकली दवा बनाने का कारोबार चल रहा रहा है. उसके बाद पुलिस ने छापेमारी की जिसमें कारोबारी सोनू आलम को गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर बड़ी संख्या में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन पकडा गया है. पुलिस ने सोनू आलम के एक सहयोगी श्रवण यादव को भी गिरफ्तार किया है. 

बिहार में नकली दवा खपाने की आशंका

विराटनगर बिहार से सटा हुआ नेपाली इलाका है. वैसे भारत-नेपाल सडक सील है पर खुले बार्डर पर ऐसे सैक़ड़ों जगह हैं जहां से लोग लगातार बिहार से नेपाल औऱ नेपाल से बिहार आवाजाही करते हैं. ऐसे में आशंका ये है कि विराटनगर में बन रही नकली दवा को बिहार में ही खपाया जा रहा था. मौत के सौदागर नकली रेमडेसिविर की एक शीशी को भी 40-50 हजार में बेच रहे थे. हालांकि नेपाली पुलिस छानबीन कर रही है कि नकली दवा को कहां बेचा गया. 


हालांकि विराटनगर से सटे बिहार के जिले अररिया के सिविल सर्जन ने कहा कि उन्हें जिले में नकली रेमडेसिविर बेचे जाने की खबर नहीं है. सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा कि अररिया जिले में किसी निजी हॉस्पीटल में कोरोना का इलाज नहीं हो रहा है. सरकारी अस्पतालों में अगर मरीज को रेमडेसिविर दिया जा रहा है तो उसकी आपूर्ति सरकार ही कर रही है. सिविल सर्जन ने कहा कि वैसे सरकार इस बात पर नजर रखेगी कि कहीं अररिया जिले में तो नकली रेमडेसिविर नहीं आ रही है. उधऱ जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोइज ने कहा कि किसी मरीज को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा दी गयी तो फिर उसकी जांन को गंभीर खतरा हो सकता है.