NEET पेपर लीक के किंगपिन का नाम आ गया सामने, जानिये कौन है वो जिसने किया सबसे बड़ा कांड?

NEET पेपर लीक के किंगपिन का नाम आ गया सामने, जानिये कौन है वो जिसने किया सबसे बड़ा कांड?

PATNA: नीट पेपर लीक मामले में चिंटू के बाद अब रॉकी की एंट्री हुई है। देवघर से गिरफ्तार 6 आरोपियों से जब आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने पूछताछ की तो बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी चिंटू ने ईओयू को बताया कि रांची के रहने वाले रॉकी ने उसके व्हाट्सएप नंबर पर पीडीएफ फाइल में पूरा प्रश्न पत्र और उत्तर भेजा था। 


कौन हैं रॉकी?

रॉकी के बारे में बताया जाता है कि वो नवादा का रहने वाला है। रांची के चुटिया थाना इलाका स्थित कडरू रोड में रेस्टोरेंट चलाता है। रॉकी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। रांची, हजारीबाग समेत कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की गयी है। चिंटू ने ईओयू की टीम को यह भी बताया कि पटना के खेमनीचक स्थित लर्न्ड एंड प्ले स्कूल में वह इसे भेजा था जहां करीब 35 छात्रों को प्रश्न-पत्र और उसका उत्तर उपलब्ध कराया गया था। पहले बायोलॉजी फिर फिजिक्स उसके बाद केमेस्ट्री का प्रश्न पत्र आया था। इन प्रश्नपत्रों का उत्तर कहां और किससे बनाया गया यह बात रांची में रहने वाला रॉकी ही बताएगा। रॉकी का सीधा संपर्क मास्टरमाइंड अतुल वत्स और अंशुल सिंह समेत कई लोगों से है। चिंटू को बिहार में प्रश्न पत्र सप्लाई करने की जिम्मेदारी मिली थी।   


कौन हैं चिंटू?

BPSC शिक्षक बहाली मामले के मुख्य आरोपी नालंदा के संजीव मुखिया की भांजी का पति का नाम चिंटू उर्फ बलदेव कुमार है। वह नालंदा के करायपशुराय थाना क्षेत्र के गुलेरिया बिगहा का रहने वाला है। पैसे के लिए संजीव मुखिया गैंग के कुछ लोगों को भी चिंटू ने नीट का प्रश्न-पत्र दिया था। सेटर संजीव मुखिया, उसका बेटा डॉ. शिव, चिंटू सहित 5 सहयोगियों को पकड़ा गया है। 


नीट परीक्षा का पेपर लीक करने के लिए उसने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर चिंटू ने 5 सिम और 5 मोबाइल फोन खरीदा था। इन नंबरों से वह नीतीश, अमित आनंद और अभ्यर्थियों से बात करता था। खेमनीचक में रेड पड़ने के बाद वो किसी तरह से वहां से भाग निकला और सभी सिम कार्ड और मोबाइल को तोड़कर गंगा नदी में फेंक दिया।


वही पेपर लीक समेत दूसरी गड़बड़ियों की जांच के लिए सीबीआई ने तत्काल एक्शन शुरू कर दिया है. शनिवार की रात केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. रविवार को सीबीआई ने केस दर्ज किया और जांच के लिए दो खास टीम का गठन किया. इनमें से एक टीम पटना पहुंच गयी है.