PATNA : बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों में सत्तापक्ष के विधायक सरकार की फजीहत ना कराएं इसे सुनिश्चित करने के लिए आज एनडीए नेतृत्व रणनीति बनाएगा। दरअसल विधानमंडल के बजट सत्र को लेकर आज एनडीए विधायकों की बैठक बुलाई गई है। विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद आज विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधायकों और विधान पार्षदों की बैठक होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुलाई गई इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम के साथ-साथ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी भी मौजूद रहेंगे। बैठक के दौरान यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि सत्र में सदन के अंदर सत्तापक्ष के विधायकों का रूप ऐसा रहे कि सरकार की फजीहत ना हो। कोशिश होगी कि विधायकों की समस्या और उनके सवालों का निदान बेहतर तरीके से कर दिया जाए ताकि सदन के अंदर सत्ता पक्ष को सेल्फ गोल की स्थिति का सामना ना करना पड़े।
विधानमंडल दल की बैठक में विधायकों का रुख कैसा रहता है इस पर भी सबकी नजरें टिकी रहेंगी। एनडीए नेतृत्व का पिछला अनुभव बहुत बढ़िया नहीं रहा है। बीजेपी के विधायकों ने सरकार की कई नीतियों के ऊपर खुलकर एतराज जताया था और आज विधानमंडल दल की बैठक में विधायकों का रुख कैसा रहता है यह देखना होगा। मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्तापक्ष के विधायकों को यह भरोसा देने की कोशिश करेंगे कि सरकार उनकी बातों पर पूरा ध्यान देगी और उनकी क्षेत्र की समस्या का निदान होगा। मंत्रियों को भी यह टास्क दिया जा सकता है कि वह अपने विभागों से जुड़े सवाल को लेकर एनडीए विधायकों को संतुष्ट करें। जानकार सूत्रों की मानें तो इस बात का पूरा प्रयास होगा कि सदन के अंदर सत्तापक्ष के विधायक के किसी भी स्थिति में विपक्ष के साथ ना खड़े हो पाएं और विपक्षी सदस्यों को सत्ता पक्ष के विधायकों के सवाल पर सरकार को घेरने का मौका ना मिले।
बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष की पहली चुनौती आपसी एकजुटता बनाए रखने की होगी। इसके बाद विपक्ष को काउंटर करने की रणनीति पर भी आज बैठक में चर्चा होगी। बैठक में रणनीति भी बनाई जाएगी कि विपक्ष के हर सवाल को काउंटर किया जाए। कैसे सदन के अंदर विपक्ष को यह बताया जाए कि राज्य के अंदर विकास की धारा बह रही है। सरकार के कामकाज उसकी नीतियों के बारे में सत्तापक्ष के विधायक सदन में ना केवल विपक्षी सदस्यों को काउंटर करें बल्कि राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के दौरान भी मजबूत तरीके से पक्ष रखें। सरकार अपने मंत्रियों को भी सदन में मुस्तैद तरीके से जवाब देने के लिए दिशा निर्देश देगी।